हरदोई के चर्चित सड़क निर्माण घोटाले पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंताओं समेत कुल 16 अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई घोटाले में शामिल अधिकारियों के खिलाफ हुई जांच के बाद की गई।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरदोई में सड़कों के घटिया निर्माण पर सख्त कार्रवाई की है। इस घोटाले के लिए जिम्मेदार पाए गए एक अधीक्षण अभियंता, दो अधिशासी अभियंता सहित कुल 16 अभियंताओं को सस्पेंड कर दिया गया है।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरदोई सहित 10 जिलों की सड़कों की विस्तृत जांच के आदेश दिए थे। इसके तहत हरदोई में सड़कों की जांच के लिए प्रमुख सचिव अजय चौहान की अध्यक्षता में एक टीम भेजी गई, जिसमें पीडब्ल्यूडी सलाहकार वीके सिंह और पीडब्ल्यूडी विभागाध्यक्ष योगेश पंवार भी शामिल थे।
टीम ने हरदोई में चार नवनिर्मित सड़कों के नमूने एकत्र किए और इनका लैब में परीक्षण कराया। जांच के दौरान सभी नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनमें तारकोल की मात्रा कम पाई गई, जबकि गिट्टी और अन्य निर्माण सामग्री भी मानक से नीचे थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हरदोई में सड़कों के घटिया निर्माण के मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। तत्कालीन अधीक्षण अभियंता सुभाष चंद्र, अधिशासी अभियंता सुमंत कुमार और शरद कुमार मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही निर्माण खंड-1 के सहायक अभियंता राजवीर सिंह, संतोष कुमार पांडे और जीएन सिंह, तथा प्रांतीय खंड के सहायक अभियंता रितेश कटियार और कृष्णकांत मिश्रा को भी निलंबित कर दिया गया है।
इन मामलों में 8 अवर अभियंताओं को भी निलंबित कर दिया गया है, जिनमें मोहम्मद शोएब, राजीव कुमार, अमर सिंह, रुचि गुप्ता, सत्येंद्र कुमार, अवधेश कुमार गुप्ता, मकरंद सिंह यादव और वीरेंद्र प्रताप सिंह शामिल हैं। सभी निलंबित अभियंताओं के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, जिन नौ अन्य जिलों में सड़कों की जांच की गई थी, उनके नमूने भी जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने के बाद उन जिलों में भी कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।