यूपी विधानमंडल में विकसित भारत, विकसित उत्तर प्रदेश‑2047 विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा शुरू हो गई है। यह सत्र 13 अगस्त से 24 घंटे की बहस के रूप में चल रहा है और 14 अगस्त सुबह 11 बजे तक जारी रहेगा । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विजन डॉक्यूमेंट प्रदेश के लिए एक साझा रोडमैप है, और प्रत्येक विभाग अपनी पिछली 8 वर्षों की उपलब्धियों का सार पेश करेगा, साथ ही QR कोड के माध्यम से जनता की सुझाव भी एकत्र किए जाएंगे ।सत्र की सुरक्षा को हाई अलर्ट पर रखा गया है.इस दौरान लगभग 700 पुलिसकर्मी और 12 कंपनी PAC तैनात किए गए हैं; ड्रोन और CCTV द्वारा निगरानी की जा रही है, और पुलिसकर्मी तीन शिफ्ट में ड्यूटी पर हैं.
विपक्ष ने केंद्र सरकार से पिछले आठ वर्षों में वादों की पूरी रिपोर्ट पेश करने की मांग की। सपा के शिवपाल सिंह यादव ने कड़ा सवाल उठाया कि अगर यह विजन 2047 तक का है, तो आज की पीढ़ी को तुरंत क्या लाभ मिलेगा? उन्होंने कहा, “पहले 2022 के वादों का हिसाब हो, फिर भविष्य पर चर्चा हो.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर मंगलवार को विधानसभा और विधान परिषद में 24 घंटे की विशेष चर्चा हुई। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखी गई। जहां सरकार ने आगामी 22 वर्षों की विकास योजनाओं का खाका पेश किया, वहीं विपक्ष ने वर्तमान समस्याओं और कुछ वादों को लेकर सरकार को घेरा।
डिप्टी सीएम का विपक्ष पर हमला
प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपी 2047 को लेकर सार्थक चर्चा हो रही है, जिससे कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आएंगे। उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधते हुए कहा, “सपा में दूरदृष्टि की कमी है। पूरी दुनिया पीएम मोदी से सीख रही है, सपा को भी सीखना चाहिए। बयान देना अलग बात है, समावेशी विकास करना अलग बात है।”
सपा ने पूछा- आज के वादे क्यों अधूरे हैं?
विपक्षी दलों, खासकर सपा और कांग्रेस ने विजन डॉक्यूमेंट को “सपनों का पुलिंदा” करार दिया। सपा नेता शिवपाल यादव ने तंज कसा, “सरकार कह रही है कि 2047 में युवाओं को नौकरी देंगे, तो क्या आज के युवा बुढ़ापे में नौकरी पाएंगे?” उन्होंने कहा कि 2022 तक सबको घर देने का वादा भी अधूरा है, और 2047 की बात करना एक छलावा है।
कांग्रेस नेता ने नेहरू का विजन याद दिलाया
कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने कहा कि चंद्रयान, एम्स और आईआईटी जैसी संस्थाएं आज की उपलब्धियां हैं, जो नेहरू के विजन का परिणाम हैं। उन्होंने सवाल किया कि आज किसानों, युवाओं और शिक्षा-स्वास्थ्य की क्या हालत है?
शिवपाल यादव का तंज: आज की भूख का हल नहीं, कल का सपना बेच रहे
शिवपाल यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “भाजपा 2047 का काल्पनिक विजन लेकर घूम रही है। आज की भूख का हल नहीं और कल के सपनों का सौदागर बन बैठे हैं। सपना मत बेचिए, सच्चाई का हिसाब दीजिए।”
सरकार ने गिनाईं उपलब्धियां
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि बीते आठ वर्षों में यूपी में कानून व्यवस्था सुधरी है, निवेश बढ़ा है, शिक्षा और स्वास्थ्य में प्रगति हुई है। एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने बताया कि 2 करोड़ परिवारों को एमएसएमई क्षेत्र से रोज़गार मिला है, जबकि गन्ना मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने चीनी उत्पादन को 155 लाख टन तक ले जाने की योजना बताई।
विधानसभा में बार-बार हंगामा
बहस के दौरान कई बार सदन में हंगामे की स्थिति बनी। मंत्री संजय निषाद के एक बयान पर सपा विधायकों ने नारेबाज़ी की। सपा विधायक रागिनी सोनकर और मंत्री मयंकेश्वर सिंह के बीच भी तीखी नोकझोंक हुई। विधान परिषद में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह कैमरे में झपकी लेते नजर आए।
आंकड़े और विपक्ष की गैरमौजूदगी
शाम 7:30 बजे तक सपा के केवल 27 विधायक सदन में मौजूद थे, जबकि एनडीए के 62 विधायक चर्चा में भाग ले रहे थे।
सपा और भाजपा में शब्दों की जंग
भाजपा विधायक प्रदीप शुक्ला ने सपा पर राम मंदिर आंदोलन के विरोध का आरोप लगाया, वहीं सपा विधायक रविदास मल्होत्रा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “ऐसा सपना दिखाया जा रहा है जैसे यूपी स्वर्ग बन जाएगा और हम सब स्वर्गवासी।”
विजन या चुनावी भाषण?
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपी को महाराष्ट्र और गुजरात के बराबरी पर लाना है। उन्होंने विपक्ष को याद दिलाया कि 2017, 2019 और 2022 में जनता ने भाजपा को समर्थन दिया। इस पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार विकास के नाम पर राजनीति कर रही है।