कुवैत के मंगफ शहर में बुधवार सुबह मजदूरों के रहने की एक इमारत में भीषण आग लग गई. घटना में कम से कम 41 लोगों की जान चली गयी। वहीं इस घटना में 30 से अधिक भारतीय नागरिकों के घायल होने की खबर है.
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बुधवार तड़के दक्षिणी कुवैत में प्रवासी श्रमिकों की एक इमारत में भीषण लगने से कम से कम 41 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। इस इमारत का निर्माण कुवैत के सबसे बड़े निर्माण समूह एनबीटीसी ने किया था। इस घटना के बाद भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, बुधवार की सुबह करीब 6 बजे के करीब मंगफ शहर में एक छह मंजिला इमारत की किचन में आग लग गयी। स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे और भारतीय समयानुसार सुबह 8:30 बजे अधिकारियों को घटना की सूचना दी गई. आपराधिक साक्ष्य के महानिदेशक मेजर जनरल ईद अल ओवेइहान ने प्रारंभिक मृत्यु संख्या 35 की पुष्टि की। छह और पीड़ितों की बाद में अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी।
कुवैत के आंतरिक मंत्री (Ministry of Interior) शेख फहद अल यूसुफ ने इस घटना को ‘रियल डिजास्टर’ बताया. वहीं, आंतरिक मंत्रालय के मेजर जनरल ईद राशिद का कहना है कि घटना की सूचना मिलने के बाद तत्काल दमकल विभाग की गाड़ियों और फोरेंसिक टीमों को घटनास्थल पर मौके पर भेजा.
कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबा ने पुलिस को मंगफ इमारत के मालिक को हिरासत में लेने का आदेश दिया, जहां बुधवार को घातक ब्लास्ट हुआ.
आग लगने की घटना स्थल का दौरा करने के बाद मंत्री ने कहा कि , “आज जो भी घटना हुई वह कंपनी और भवन मालिकों के लालच का नतीजा है।”इस इमारत का निर्माण कुवैत के सबसे बड़े निर्माण समूह एनबीटीसी ने किया था। भारतीय मूल के व्यवसायी केजी अब्राहम कंपनी के प्रबंध निदेशक और भागीदार हैं। एनबीटीसी द्वारा 195 से अधिक श्रमिकों को रहने के लिए इमारत को किराए पर दिया गया था। इमारत में एनबीटीसी सुपरमार्केट के कर्मचारी भी रह रहे थे।
सूत्रों के हवाले से एक वरिष्ठ पुलिस कमांडर ने बताया, “जिस इमारत में आग लगी, उसका उपयोग कर्मचारियों के रहने के लिए किया जाता था और वहां बड़ी संख्या में कर्मचारी रह रहे थे।” अधिकारी ने कहा, “दर्जनों लोगों को बचाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से आग के धुएं के कारण कई लोगों ने दम तोड़ दिया।”
पीएम मोदी ने कुवैत में आग दुर्घटना पर जताया दुख
उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुवैत शहर में आग लगने की घटना दुखद है और आग में घायल हुए लोगों के ठीक होने की कामना करता हूँ। “मेरी संवेदनाएं उन सभी पीड़ित परिवारों के के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।’ कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और प्रभावितों की सहायता के लिए वहां के अधिकारियों के साथ काम कर रहा है,
पीएम मोदी ने विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को अग्नि त्रासदी में घायल हुए लोगों की सहायता के लिए तत्काल कुवैत जाने का निर्देश दिया है। कीर्ति वर्धन सिंह को आग की घटना में मारे गए लोगों के शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए भी कहा गया है।
जिस इमारत में भीषण आग लगी थी उसमें लगभग 160 कर्मचारी रह रहे थे और इमारत में रहने वाले अधिकांश कर्मचारी केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय नागरिक थे। रिपोर्टों के मुताबिक मृतकों की उम्र 20 से 50 साल के बीच की बताई जा रही है. भारतीय श्रमिकों से जुड़ी आग की दुखद घटना के संबंध में कुवैत में भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है: +965-65505246।
राजदूत आदर्श स्वाइका ने अल-अदान अस्पताल का दौरा किया. और अस्पताल में इलाज करा रहे घायल भारतीय कर्मचारियों से मुलाकात की। वहीं इस घटना में 30 से अधिक भारतीय नागरिक घायल हो गए। भारतीय दूतावास ने कहा, “उन्होंने कई मरीजों से मुलाकात की। उन्हें दूतावास की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया। अस्पताल अधिकारियों ने लगभग सभी की हालत स्थिर बताई है।”
आग लगने की घटना पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कुवैत शहर में आग लगने की घटना की खबर से गहरा सदमा लगा है। कथित तौर पर 40 से अधिक मौतें हुई हैं और 50 से अधिक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हमारे राजदूत शिविर में गये हैं। हम आगे की जानकारी का इंतजार कर रहे हैं. उन लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना, जिन्होंने दुखद रूप से अपनी जान गंवाई। जो लोग घायल हुए हैं उनके शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हमारा दूतावास इस संबंध में सभी संबंधित पक्षों को पूरी सहायता प्रदान करेगा।
अधिकारियों ने कहा कि आग किस कारण लगी इसकी जांच की जा रही है। एक पुलिस अधिकारी ने श्रमिक आवास में भीड़भाड़ के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “हम हमेशा ऐसे आवासों में बहुत अधिक श्रमिकों को ठूंसकर रखने के प्रति सतर्क और सचेत करते हैं।”
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