वृंदावन में होली के दौरान घटित हुई कुछ दुखद घटनाओं ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया है। इस दौरान यमुना नदी और कुंडों में डूबने की घटनाएं सामने आईं, जिससे कई परिवारों में मातम पसरा हुआ है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से नदी और कुंडों में नहाते समय अत्यधिक सावधानी बरतने की अपील की है, ताकि भविष्य में इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
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होली का उत्सव इस बार कई परिवारों के लिए संकट बनकर सामने आया। रंगों की खुशियाँ अचानक घटी दुखद घटनाओं से फीकी पड़ गईं। अलग-अलग घटनाओं में कुल नौ लोग यमुना नदी और कुंडों में डूब गए। इनमें से तीन के शव बरामद कर लिए गए हैं, जबकि चार लोगों को स्थानीय गोताखोरों ने सही समय पर बचा लिया। एक व्यक्ति की तलाश अभी भी जारी है।
पहली घटना शुक्रवार को घटित हुई, जब हर्षित कतारे (उम्र 22, निवासी बढ़ेरा, भिंड) और उनका दोस्त सत्यम पाराशर (उम्र 23, निवासी बढ़ेरा, भिंड) होली के मौके पर वृंदावन आए थे। दोनों दावानल कुंड में स्नान कर रहे थे, तभी वे गहरे पानी में चले गए। सत्यम को स्थानीय गोताखोरों ने बचा लिया, लेकिन हर्षित का कोई पता नहीं चला। अगले दिन शनिवार को हर्षित का शव बरामद हुआ, जिससे परिवार में कोहराम मच गया।
दूसरी घटना चामुंडा घाट पर हुई, जहां 23 वर्षीय अनमोल शर्मा (पुत्र अश्विनी शर्मा, निवासी हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश) होली के दौरान आश्रम में रहकर स्नान करने गए थे। गहरे पानी में जाने के बाद वह लापता हो गए। कई घंटों की तलाश के बाद पुलिस के गोताखोरों ने उनका शव बरामद किया।
तीसरी घटना जुगल घाट और विहार घाट के बीच हुई, जहां निधि कुमारी (पुत्री अनिल, निवासी जवाहर नगर, रोहतक) और हितेश (पुत्र जसवीर, निवासी प्रेम नगर, रोहतक) के साथ-साथ मनप्रीत, दीपक और ऋषि भी नहाने के दौरान डूब गए। स्थानीय गोताखोरों ने निधि को बचा लिया, जबकि ऋषि का शव बाहर निकाला गया। हितेश की तलाश अभी भी जारी है।
इन घटनाओं के बाद, मृतकों के परिवारों में गहरा शोक है और वे रो-रोकर बेहाल हैं। प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं से नदी और कुंडों में नहाते समय सावधानी बरतने की अपील की है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।