उज्जैन के भाई-बहन, राजनंदिनी और अर्जुन ने एक साथ एमपीपीएससी परीक्षा पास की. दोनों एक साथ डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुए तो उनके परिवार में अपार खुशी छा गईं। एमपीपीएससी परीक्षा में बहन, राजनंदिनी ने 14वीं रैंक हासिल की तो वहीं अर्जुन ने इस परीक्षा में 21वीं रैंक हासिल की।
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महाकाल की नगरी में रहने वाले भाई-बहन की जोड़ी ने कमाल कर दिया। दोनों ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए डिप्टी कलेक्टर का पद हासिल किया।
उज्जैन के इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. वाईएस ठाकुर के बच्चों अर्जुन सिंह ठाकुर और राजनंदिनी सिंह ठाकुर ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर दोनों साथ ही डिप्टी कलेक्टर बन गए हैं। हालांकि बहन पहले से नायब तहसीलदार की पद पर कार्यरत हैं।अर्जुन की 21वीं रैंक बनी है जबकि राजनंदिनी की 14वीं रैंक बनी है। दोनों भाई-बहनों की शिक्षा उज्जैन के क्राइस्ट ज्योति स्कूल में शुरू हुई और 12वीं कक्षा पूरी करने के बाद भोपाल में इंजीनियरिंग की।
हालांकि राजनंदिनी बास्केट बॉल स्टेट प्लेयर रहीं हैं इन्होने काम करते हुए भी पढ़ाई को प्राथमिकता देने के महत्व पर जोर दिया। उनका मानना है कि अपने उद्देश्य को हासिल करने के लिए पढ़ाई के प्रति समर्पण जरूरी है। उनकी मेहनत रंग लाई और अब वे डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं।
अर्जुन सिंह ने बताया है कि वह अपने मोबाइल फोन का उपयोग रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई से सम्बंधित मुख्य रूप से सोशल मीडिया पर समाचार और सामग्री से जुड़े रहने के लिए करते हैं। 2018 से लगातार कड़ी मेहनत के साथ पढाई करते आ रहे हैं जिसका फल उन्हें आज मिल गया है। दोनों भाई-बहन, अर्जुन और राजनंदिनी, ने एमपीपीएससी के लिए एक साथ तैयारी की, और एक साथ ही दोनों ने सफलता हासिल की।
उनकी उपलब्धि उन छात्रों के लिए एक प्रेरणादायक सबक है जो छोटी-मोटी असफलताओं से उत्साहरहित हो सकते हैं। डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन से ठाकुर परिवार की खुशी दोगुनी हो गयी है ।
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