हाथरस भगदड़ मामले में  अब तक 6 लोगों को किया ग‍िरफ्तार, मुख्य आरोपियों की जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये का दिया जाएगा इनाम।

हाथरस भगदड़ मामले में  अब तक 6 लोगों को किया ग‍िरफ्तार,

हाथरस सत्‍संग हादसे की घटना में 121 लोगों की मौत के कुछ ही दिन बाद यूपी पुलिस ने गुरुवार को सत्संग की आयोजन समिति के छह लोगों को गिरफ्तार किया है इसमें चार पुरुष और दो मह‍िलाएं शाम‍िल हैं। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने गुरुवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया क‍ि मुख्य आरोपी प्रकाश मधुकर की जानकारी देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। जल्द ही उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिया जाएगा ।

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उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को कहा कि हाथरस में एक सत्संग के बाद हुई भगदड़ के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 2 महिलाओं समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि सेवादार’ के रूप में काम करने वाले ये सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं । मंगलवार को हाथरस में उपदेशक नारायण साकार हरि या ‘भोले बाबा’ द्वारा आयोजित सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की जान चली गयी है, मरने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है और 31 घायल हो गए।

अलीगढ़ के महानिरीक्षक शलभ माथुर ने कहा, “घटना में सेवादार’ के रूप में काम करने वाले आयोजन समिति के 6 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है. जिनमें चार पुरुष और दो मह‍िलाएं शाम‍िल हैं।”पुलिस ने खुलासा किया कि गिरफ्तार आरोपी भीड़ प्रबंधन के लिए स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करते हैं और प्रशासन को इस कार्य को संभालने की इजाजत नहीं देते हैं ।ये लोग भगदड़ मचने के समय मौके से फरार गए थे।

उन्‍होंने बताया क‍ि मुख्य आरोपी प्रकाश मधुकर की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को 1 लाख रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है .पुलिस द्वारा मधुकर की गिरफ्तारी के लिए अदालत से गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) की मांग की जा रही है।

आईजी माथुर ने कहा, “यदि आवश्यक हुआ, तो नारायण साकार उर्फ भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। जिनका नाम एफआईआर में नहीं है लेकिन जांच जारी है। पुलिस नारायण साकार हरि की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है और टीमों को उन शहरों में भेजा गया है जहां उनके संभावित आपराधिक रिकॉर्ड हैं।

पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, सत्संग में 2.50 लाख से अधिक लोग शामिल होने के लिए वहां पहुंचे थे, जबकि प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के लिए 80,000 लोगों की परमिशन दी गयी थी। प्राथमिकी में आगे आरोप लगाया गया कि सत्संग आयोजकों ने सबूत छिपाकर और पास के खेतों में संत के अनुयायियों की चप्पलें और अन्य सामान फेंककर कार्यक्रम में लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने का प्रयास किया गया।

भगदड़ उस वक्त मची, जब सत्संग समापन के बाद नीचे उतरे भोले बाबा की एक झलक पाने के लिए दौड़ पड़े और एक-दूसरे से गिरते चले गए।

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