विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक से मेडल लाने के लिए जान की बाजी लगा दी थी. फिर भी पेरिस ओलंपिक में भारतीय पहलवान विनेश फोगाट मेडल जीतने से चूक गईं. विनेश फोगाट 50 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में पहुंची थी, लेकिन महज 100 ग्राम अधिक वजन के कारण डिसक्वालीफाई कर दी गई.अब विनेश फोगाट के कोच वोलर अकोस ने बड़ा खुलाया किया है. हंगरी के वॉलर ने सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट किया. हालांकि, उन्होंने इसे बाद में डिलीट भी कर दिया है.
यह भी पढ़ें : उत्तराखंड की नर्स के साथ कोलकाता जैसी हैवानियत, नर्स का सिर फोड़ने के बाद बलात्कार, फिर गला दबाकर हत्या, आरोपी गिरफ्तार
दरअसल, विनेश फोगाट के कोच वोलर अकोस सोशल मीडिया पर लंबा पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा कि सेमीफाइनल जीतने के बाद उनका (विनेश) वजन 2.7 किलो ज्यादा था. विनेश फोगाट ने तकरीबन साढ़े 5 घंटे तक वजन कम करने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो सकीं. इसके बाद मुझे लगा कि वह कहीं मर नहीं जाएं… हालांकि, वोलर अकोस ने बाद में पोस्ट को हटा दिया.
विनेश फोगाट ने एक घंटा बीस मिनट तक एक्सरसाइज की, लेकिन फिर भी 1.5 किलो वजन बना रहा. विनेश फोगाट का वजन फाइनल से पहले महज 100 ग्राम अधिक था. जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया.
विनेश फोगाट ने देर रात से सुबह 5.30 तक उनसे कई तरह के कॉर्डियो मशीन और कुश्ती के दांव लगवाकर वजन कम करने का प्रयास किया. एक घंटे में तकरीबन 45 मिनट एक्सराइज की और बीच-बीच में दो-तीन मिनट का ब्रेक लेती हैं. इसके बाद वह गिर गई, लेकिन किसी तरह हमने उसे उठाया. वोलर अकोस ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मैं जानबूझकर नाटकीय विवरण नहीं लिखता, मैं तो बस यह याद कर रहा हूं कि वे मर भी सकती थीं.’
बुधवार को, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने घोषणा की कि कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) के तदर्थ डिवीजन ने ओलंपिक खेलों से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ विनेश फोगट की अपील को खारिज कर दिया। इस फैसले से महिलाओं के 50 किग्रा कुश्ती वर्ग में संयुक्त रजत पदक से सम्मानित होने की उनकी उम्मीदें खत्म हो गईं। विनेश को संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ अपने ऐतिहासिक स्वर्ण-पदक मुकाबले से ठीक पहले 7 अगस्त की सुबह वजन के दौरान वजन 100 ग्राम से अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
विनेश फोगाट ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान के रूप में इतिहास रचते हुए कम से कम रजत पदक हासिल किया था। हालाँकि, उनकी अयोग्यता एक विनाशकारी झटके के रूप में आई, जिससे 29 वर्षीय खिलाड़ी से न केवल स्वर्ण पदक छीन लिया गया बल्कि पोडियम स्थान भी छीन लिया गया। UWW के नियमों के अनुसार, कोई भी पहलवान जो प्रतियोगिता के किसी भी चरण में वेट-इन में विफल रहता है, उसे तुरंत अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, साथ ही पिछली सभी जीतें भी रद्द कर दी जाती हैं।
Trending Videos you must watch it