दिल्ली से दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। जहां पिता ने जहर खाकर चार बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली। जिसमें 3 बेटियां नाबालिग थीं। पुलिस ने शुक्रवार को सभी शव बरामत किए हैं। यह घटना रंगपुरी गांव की है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
दिल्ली के वसंत कुंज के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों ने आत्महत्या कर ली। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। दिल्ली पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। शुक्रवार सुबह 10:18 बजे पड़ोसियों से सूचना मिलने के बाद पुलिस मकान पर पहुंची और फ्लैट का ताला तोड़ा और शवों को बाहर निकाला।
बेटियां एक कमरे में एक ही बैड पर मृत मिली तो पिता हीरालाल दूसरे कमरे में बैड पर मृत मिला। एक वर्ष पहले पत्नी की कैंसर से मौत हो गयी थी जिसके बाद बेटियों की देखरेख की जिम्मेदारी उसके ऊपर आ गई थी। बच्चों की जिम्मेदारी के चलते वह नौकरी पर टाइम से नहीं पहुँच पाता था। स्पाइनल इंजुरी अस्पताल ने उसे छह महीने पहले नौकरी से निकाल दिया था।
शुरूआती जांच के मुताबिक़ अनुमान लगाया जा रहा है की बेटियों की देखभाल के अलावा वह बहुत ज्यादा आर्थिक तंगी से जूझने के कारण यह कदम उठाया होगा। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। हीरालाल ने आत्महत्या करने से पहले जितिया पूजा भी की थी। पुलिस पांचों शवों का पोस्टमार्टम करवा रही है।
फ्लैट से बदबू आने पर पुलिस को बुलाया
दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा ने बताया कि दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के रंगपुरी गांव में एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. घटना का खुलासा जब हुआ तब घर से बदबू आने पर पड़ोसियों द्वारा पुलिस व मकान मालिक को सूचना दी। सूचना पर मौके पर पहुँची पुलिस ने अंदर से बंद घर का दरवाजा तोड़कर पांच सड़े गले शवों को बाहर निकाला।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक शुरुआती जांच से लग रहा है कि पिता हीरालाल ने पहले सभी को सल्फास खिलाया और बाद में खुद पी लिया। शवों के पास से पुलिस को सल्फास की गोलियां और कमरे के डस्टबिन में जूस के टेट्रा पैक और पानी की बोतल मिली थी।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक पिता हीरलाल एक कारपेंटर था। पत्नी की मौत एक साल पहले कैंसर से हुई थी। उसके बाद हीरलाल अकेला पड़ गया था। पत्नी की मौत की वजह से हीरालाल पूरी तरह टूट चुका था
चारों बेटियां दिव्यांग थीं
दिल्ली पुलिस के अनुसार कारपेंटर की चारों बेटियां दिव्यांग थीं। 18 वर्षीय नीतू, 15 वर्षीय निशि, 10 वर्षीय नीरू और आठ वर्षीय निधि थी। पुलिस को शुरुआती जांच में पता चला है कि चारों बेटियां दिव्यांग होने के कारण चल फिर नहीं पाती थीं। इनमें से एक बेटी को आंख से दिखता नहीं था।
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