छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले के बॉर्डर पर पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 40 नक्सली मारे जाने की खबर है। यह देश की सबसे बड़ी पहली नक्सली मुठभेड़ है। मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल और एक एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल) सहित हथियारों के जखीरे के साथ नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।
इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मुठभेड़ में बड़े कैडर के इनामी नक्सली भी मारे गए हैं। पुलिस के अनुसार, मुठभेड़ अभी जारी है और मारे गए नक्सलियों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है।
नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिले के बॉर्डर पर चार अक्तूबर को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सुबह से ही शुरू हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने शाम तक 40 नक्सलियों को मार गिराया। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ स्थल से एक एके-47 राइफल और एक एसएलआर (सेल्फ-लोडिंग राइफल) सहित हथियारों के जखीरे के साथ नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। तीन अक्तूबर को जवानों को बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी।
सूचना मिलने के बाद लगभग 400 फोर्स के जवानों ने सर्च अभियान चलाया। इसमें सीआरपीएफ, राज्य पुलिस बल संयुक्त टीम के जवान शामिल थे। इस मुठभेड़ में कई इनामी नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है। दूसरी ओर नक्सलियों के कंपनी नंबर 6 को भी पुलिस ने ध्वस्त कर दिया है।
24 साल पहले राज्य के गठन के बाद से यह ऑपरेशन एक ही कार्रवाई में सबसे अधिक संख्या में माओवादियों की मौत का प्रतीक है। यह घटना ठीक पांच महीने पहले हुई है जब सुरक्षा बलों ने कांकेर जिले में शीर्ष कैडरों सहित 29 नक्सलियों को मार गिराया था।
पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) ने बताया कि नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा पर थुलथुली और नेंदूर गांवों के बीच जंगल में दोपहर 1 बजे हुई गोलीबारी के दौरान राज्य के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान ग्रेनेड शेल से घायल हो गया। सुंदरराज पी ने कहा.
संयुक्त अभियान में डीआरजी, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और अन्य इकाइयों के जवान शामिल थे। इसे गुरुवार को खुफिया रिपोर्टों के बाद लॉन्च किया गया था जिसमें सुझाव दिया गया था कि डीकेएसजेडसी सदस्य कमलेश और वरिष्ठ कैडर नीति, नंदू और सुरेश सलाम सहित माओवादी नेता इलाके में छिपे हुए थे।
यह क्षेत्र इंद्रावती क्षेत्र समिति, पीएलजीए कंपनी नंबर 6 और प्लाटून 16 जैसी माओवादी इकाइयों का एक प्रसिद्ध गढ़ है। अब तक 31 शव बरामद किए गए हैं, रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि और माओवादी मारे गए होंगे। सुरक्षा बलों ने एक एके-47, एक एसएलआर, एक इंसास राइफल, एक एलएमजी और एक .303 राइफल सहित हथियारों का जखीरा भी जब्त किया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुरक्षा बलों की बहादुरी की सराहना की और नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। वर्ष की शुरुआत के बाद से, बस्तर क्षेत्र में विभिन्न अभियानों में 185 माओवादी मारे गए हैं, जिसमें दंतेवाड़ा और नारायणपुर जैसे जिले शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि भारत का लक्ष्य मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद से मुक्त होना है।
जानिए इससे पहले जवानों ने कितने नक्सलियों को किया ढेर
सुरक्षाबलों ने 27 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के चिपुरभट्टी-पुसबाका के पास वन क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में नक्सल डिप्टी कमांडर समेत छह नक्सलियों को मार गिराया था. दो अप्रैल को बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के कोरचोली और लेंड्रा के जंगल में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला नक्सली समेत 13 नक्सलियों को ढेर कर दिया था । छह अप्रैल को मुठभेड़ के दौरान तीन नक्सली को मार गिराया था. 16 अप्रैल को कांकेर जिले के छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में देश की सबसे बड़ी मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गये थे. 30 अप्रैल को जवानों ने 10 नक्सलियों को ढेर कर दिया था । 10 मई को मुठभेड़ में 12 नक्सली मारे गए। 23 और 24 मई को आठ नक्सली को ढेर कर दिया था
25 मई को सुकमा और बीजापुर जिले में पुलिस नक्सली मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे। 8 जून अबूझमाड़ के आमदई एरिया में छह नक्सली का एनकाउंटर हो गया। 10 मई बीजापुर में पुलिस फोर्स ने एनकाउंटर में 12 नक्सलियों को ढेर कर दिया था और 15 जून को नारायणपुर जिले के ओरछा थाना के फरसबेड़ा-धुरबेड़ा के बीच सुरक्षाबलों की नक्सलियों के मुठभेड़ में आठ नक्सलियों को मार गिराया था.।
इस साल अब तक कितने नक्सली ढेर?
इस साल अब तक छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में अलग-अलग घटनाओं में सुरक्षा बलों द्वारा मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़कर 157 हो गई है।
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