Land For Job Case: लालू फैमिली को लैंड फॉर जॉब केस में बड़ी राहत, तेजस्वी, तेजप्रताप और लालू को कोर्ट ने दी जमानत; अब 25 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई।

लैंड फॉर जॉब केस में तेजस्वी, तेजप्रताप और लालू को कोर्ट ने दी जमानत

लैंड फॉर जॉब मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) और उनके दो बेटों को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत दे दी है। उन्हें एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को की जाएगी।

यह भी पढ़ें :Ratan Tata Hospitalised: टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा बिगड़ी तबीयत, मुंबई के अस्पताल में कराए गए भर्ती।

दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने राजद नेता लालू प्रसाद यादव, उनके बेटों और राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले में जमानत दे दी, यह मामला तब हुआ था जब लालू केंद्रीय रेल मंत्री थे।

दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों, राजद नेता तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी मामले में जमानत दे दी।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने उन्हें एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी और कहा कि मामले की जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। आरोपी अपने खिलाफ पूरक आरोप पत्र के आधार पर पहले समन जारी किए जाने के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए।

सुनवाई के दौरान ईडी ने अदालत से कहा कि राबड़ी देवी, हेमा यादव और मीसा यादव को जमानत देने के पिछले आदेश की तरह ही डायरेक्शन दिये जा सकते हैं. इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों को अपने पासपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया. अब इस मामले में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को की जाएगी. बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में लालू यादव दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए थे।

बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और अन्य को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने समन जारी किया था। इसके साथ कोर्ट ने यह भी कहा था इस मामले में तेज प्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। अदालत ने कहा कि वह भी एके इंफोसिस लिमिटेड के डायरेक्टर थे। इसलिए उन्हें भी इस मामले को लेकर कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया। 

लालू प्रसाद यादव, जो 2004 से 2009 तक केंद्रीय रेल मंत्री थे, पर मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी नौकरियों के लिए लोगों को इस शर्त पर भर्ती करने का आरोप लगाया गया था कि वे पार्सल उपहार में देंगे या स्थानांतरित करेंगे।

यहां जानें पूरा मामला

लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि साल 2004 से 2009 के दौरान रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने अभ्यर्थियों से जमीन लेकर नौकरी दी है। सीबीआई ने यह आरोप लगाया है। इस मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने 18 मई, 2022 को केस दर्ज किया था।

इस मामले में 10 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 16 लोगों को आरोपित बनाया गया था. जुलाई 2022 में ही सीबीआई ने भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए उनके ओएसडी थे. सीबीआई का आरोप है कि साल 2007 में एक निजी कंपनी के नाम पर 10.83 लाख रुपये में एक भूमि पार्सल खरीदा गया था और बाद में वह भूमि भी जब्त कर ली गई।

Trending Videos you must watch it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »