संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के बाद शुक्रवार को पहला जुमा नमाज आयोजित किया गया। इस दौरान 1600 से अधिक सुरक्षाबल तैनात किए गए थे। नमाज के लिए संभल से सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी जामा मस्जिद पहुंचे और नमाज अदा की।
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संभल में मस्जिद और मंदिर के विवाद को लेकर प्रशासन चौकस है। पीएसी और आरआरएफ बल के साथ-साथ सात थानों की पुलिस और रेंज पुलिस को तैनात किया गया है। मस्जिद तक जाने वाले तीन रास्तों में से दो रास्ते बंद कर दिए गए हैं, और निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
अब शाही जामा मस्जिद तक एक ही रास्ते से लोगों का प्रवेश हो रहा है। शुक्रवार को, तनावपूर्ण माहौल के बीच सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने जामा मस्जिद में नमाज अदा की। इस दौरान, सामान्य दिनों की तुलना में पहली बार करीब 3,000 लोग नमाज अदा करने पहुंचे, जबकि आमतौर पर इस मस्जिद में 400 से अधिक लोग नहीं आते।
संभल में शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू और मुस्लिम पक्ष के बीच विवाद गहरा गया है। हिंदू पक्ष ने इस मस्जिद को पहले श्री हरिहर मंदिर होने का दावा किया है, जबकि मुस्लिम पक्ष ने इस दावे के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट के आदेश के दो घंटे बाद प्रशासन ने सर्वे भी करवा दिया था।
उत्तर प्रदेश में काशी और मथुरा के बाद अब संभल की शाही जामा मस्जिद चर्चा में है। हिंदू पक्ष का कहना है कि इस स्थल पर पहले श्री हरिहर मंदिर था, जिसे 1529 में बाबर ने तुड़वाकर मस्जिद बनवाया। इसके अलावा, मस्जिद के अंदर शिवलिंग होने का भी दावा किया गया है।
संभल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हिंदू पक्ष ने 19 नवंबर को एक याचिका दायर की है। इस 95 पेज की याचिका में हिंदू पक्ष ने अपने दावे के समर्थन में दो किताबों और एक रिपोर्ट को आधार बनाया है। इन किताबों में बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी शामिल हैं, जबकि रिपोर्ट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 150 साल पुरानी रिपोर्ट है।
संभल की सिविल कोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर कोर्ट कमिश्नर से सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस आदेश के खिलाफ जामा मस्जिद पक्ष ने कोर्ट में अपील दायर की है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को की जाएगी।
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