गौतमबुद्ध नगर में किसानों की लगातार गिरफ्तारी को लेकर शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने अट्टा गुजरान गांव में आपातकालीन पंचायत आयोजित की। इस बैठक में 30 से अधिक किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। पंचायत में यह निर्णय लिया गया कि भय का माहौल तुरंत समाप्त किया जाए। इसके साथ ही, जेल में बंद किसानों और किसान नेताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग की गई।
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किसानों ने शनिवार को एकजुट होकर कहा कि सौहार्दपूर्ण माहौल बनाया जाए, ताकि बातचीत और संवाद का रास्ता खुल सके। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र के सभी पक्षों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए, क्योंकि धरना और प्रदर्शन के जरिए अपनी बात रखना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि वे आज भी पहले की तरह एकजुट हैं और इस घटना के बाद और भी मजबूत होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करेंगे। यदि प्रशासन और सरकार की ओर से कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जाता, तो संयुक्त किसान मोर्चा को फिर से बड़ा कदम उठाने पर विचार करना पड़ेगा, जिसके लिए वे तैयारी कर रहे हैं।
इस पंचायत में यह भी बताया गया कि ग्रेटर नोएडा और नोएडा से 60 से ज्यादा किसान और महिला किसान गिरफ्तार हुए हैं। ये सभी किसान एकता संगठन के सदस्य हैं, जो किसानों के हक की लड़ाई में शामिल हैं।
किसानों ने स्पष्ट रूप से अपनी मांग उठाई है कि जब तक उनके किसान भाईयों और नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक ऐसी गिरफ्तारियां जारी रहेंगी। अब तक 150 से ज्यादा किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
इस बैठक में विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें भारतीय किसान यूनियन टिकैत, जय जवान जय किसान, भारतीय किसान यूनियन महात्मा टिकैत, अखिल भारतीय किसान सभा, व्यवस्था सुधार संगठन, भारतीय किसान एकता, किसान एकता महासंघ, भारतीय किसान परिषद, भारतीय किसान यूनियन भानु सहित कई प्रमुख संगठन शामिल थे।