दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता खराब हो गई है, जिसके चलते कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-4 लागू कर दिया है। इस कदम के तहत राजधानी और उसके आसपास के जिलों में कई तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। जानकारी के अनुसार, पहले ग्रैप-3 को लागू किया गया था, लेकिन वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए CAQM ने अब ग्रैप-4 को लागू कर दिया है।
यह भी पढ़ें:BPSC TRE-3 परीक्षा परिणाम घोषित: 15,251 शिक्षक अभ्यर्थी पास, 9वीं और 10वीं के लिए चयन।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू कर दिया गया है। यह कदम वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद उठाया गया। GRAP-IV के तहत अब क्षेत्र में कई सख्त प्रतिबंध लागू किए जाएंगे। इनमें निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, प्रदूषणकारी उद्योगों की गतिविधियों को रोकना, और डीजल वाहनों के संचालन पर कड़े नियम शामिल हैं।
इस बदलाव के बाद, दिल्ली-एनसीआर के निवासियों के लिए कई नई पाबंदियां लागू होंगी, जिनसे संबंधित जानकारी का होना अत्यंत आवश्यक है। यदि इन पाबंदियों का पालन नहीं किया जाता है, तो नागरिकों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।शहर के 37 निगरानी स्टेशनों में से 25 से अधिक स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार दर्ज किया गया है.
CAQM ने जब दिन में GRAP-3 लागू किया था, तब दिल्ली में एयर क्वालिटी सूचकांक 300 से ऊपर था। यह कदम “शांत हवाओं और अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों, जैसे कि बहुत कम मिक्सिंग हाइट” को देखते हुए उठाया गया था। हालांकि, इसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता और बिगड़ी, और शाम 4 बजे 379 तक पहुंचने वाला AQI रात 10 बजे तक 400 अंक को पार कर गया। इसके बाद, वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए CAQM ने GRAP-4 को लागू कर दिया।
दिल्ली-एनसीआर में क्या रहेगा बंद और क्या खुलेगा यहां जानें ?
1.दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। सरकार कक्षा 6, 9 और अन्य कक्षाओं के फिजिकल क्लासेज को बंद करने पर विचार कर रही है, जिससे स्कूलों को हाईब्रिड मोड में चलाने का विकल्प खुला है। इसके अलावा, दिल्ली में अब ट्रकों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
2.साथ ही, निर्माण कार्यों पर भी सख्त पाबंदियां लागू की गई हैं। राजमार्ग, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, बिजली पारेषण, पाइपलाइन और दूरसंचार से संबंधित ध्वस्तीकरण के काम बंद रहेंगे। इसके अलावा, हाईवे और फ्लाईओवर जैसे सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स में सभी निर्माण और विध्वंस गतिविधियां स्थगित रहेंगी।
3.दिल्ली सरकार ने पब्लिक, म्यूनिसिपल और प्राइवेट सेक्टर के ऑफिस को 50% क्षमता के साथ खुलने की अनुमति दी है, जबकि बाकी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया गया है।
4.एयर क्वालिटी की गंभीर स्थिति को देखते हुए स्कूलों, कॉलेजों और नॉन-इमरजेंसी कॉमर्शियल गतिविधियों को भी बंद किया जा सकता है। दिल्ली सरकार ऑड-इवन योजना को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है।
5.विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और सांस, दिल, दिमाग संबंधी या अन्य लंबी बीमारियों से पीड़ित लोगों को बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है, और उन्हें घर के अंदर रहकर सुरक्षा बरतने को कहा गया है।
GRAP सिस्टम कब लागू होता है? जानें पूरी जानकारी
ग्रैप सिस्टम दिल्ली-एनसीआर में तब लागू होता है जब राजधानी की वायु गुणवत्ता बिगड़ने लगती है। ऐसे में, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में ग्रैप को विभिन्न लेवल्स में लागू करता है। दिल्ली-एनसीआर के लिए ग्रैप को चार एयर क्वालिटी लेवल में बांटा गया है:
- लेवल-1: “खराब” एयर क्वालिटी, जब एक्यूआई (AQI) 201 से 300 के बीच होता है।
- लेवल-2: “बहुत खराब”, जब एक्यूआई 301 से 400 के बीच होता है।
- लेवल-3: “गंभीर”, जब एक्यूआई 401 से 450 के बीच होता है।
- लेवल-4: “गंभीर प्लस”, जब एक्यूआई 450 से अधिक हो जाता है।