BPSC 70वीं परीक्षा रद्द करने की मांग पर अभ्यर्थियों का धरना, बोले- बेरोजगारी से डरते हैं, बीमारी से नहीं

BPSC 70वीं परीक्षा रद्द करने की मांग पर अभ्यर्थियों का धरना

इस धरने का नेतृत्व छात्र नेता दिलीप कर रहे हैं, जिन्होंने पहले भी नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उनका कहना है कि यदि केवल एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द की जाती है, तो यह अन्य अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगी, इसलिए पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। कुछ महिला अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उम्मीद जताई है कि वह इस मामले पर गंभीरता से विचार करेंगे।

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BPSC 70वीं परीक्षा रद्द कराने की मांग को लेकर पटना के गर्दनीबाग में हजारों अभ्यर्थी दो दिनों से धरने पर बैठे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक आयोग इस परीक्षा को रद्द कर के दोबारा आयोजित करने की घोषणा नहीं करता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। इस धरने का नेतृत्व छात्र नेता दिलीप कर रहे हैं, जो कुछ दिन पहले नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में जेल गए थे। बेल पर बाहर आने के बाद वह फिर से इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं।

BPSC 70वीं परीक्षा में बड़ा झटका, एक परीक्षा केंद्र पर कैंसिल हुआ पेपर

BPSC 70वीं परीक्षा के लिए राज्यभर में 900 से अधिक परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए थे। लेकिन इस दौरान बापू परीक्षा परिसर, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा परीक्षा केंद्र माना जाता है, से गड़बड़ी की खबर सामने आई। अभ्यर्थियों का आरोप था कि उन्हें प्रश्न पत्र देर से मिला और प्रश्न पत्र की सील भी खुली हुई थी, जिस पर उन्होंने विरोध प्रदर्शन किया। जांच रिपोर्ट के आधार पर आयोग ने इस परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द कर, उसे पुनः आयोजित करने का ऐलान किया। अब इस फैसले के बाद बाकी अभ्यर्थी पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग करने लगे हैं।

BPSC 70वीं परीक्षा रद्द करने की मांग, अभ्यर्थियों ने उठाई आवाज

छात्र नेता दिलीप ने कहा कि केवल एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द करना अन्य केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी होगा। उनका तर्क था कि बापू परीक्षा परिसर में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र का फॉर्मेट पहले से पता होगा, जिससे उन्हें परीक्षा देने में आसानी होगी, और इससे अन्य परीक्षार्थियों को नुकसान होगा। दिलीप ने यह भी कहा कि केवल एक केंद्र की परीक्षा रद्द करना सही नहीं है, बल्कि पूरी परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के सभी परीक्षा केंद्रों पर कहीं न कहीं गड़बड़ी हुई है।

प्रदर्शन में शामिल कुछ महिला अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें अब आयोग से कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूरी उम्मीद है क्योंकि वह महिलाओं के हित में काम करते हैं। एक महिला ने कहा, “आज बिहार की बेटियां परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर धरने पर बैठी हैं, हमें पूरा यकीन है कि नीतीश कुमार इस मुद्दे पर विचार करेंगे।

हम आश्वस्त हैं कि हमारी मेहनत बेकार नहीं जाएगी और सरकार इस मामले को गंभीरता से लेते हुए परीक्षा रद्द करेगी। दूसरी महिला, भारती ने कहा, ठंड के मौसम में हम खुले आसमान के नीचे दो दिनों से धरने पर बैठी हैं, लेकिन बीमार होने से ज्यादा हमें नौकरी न मिलने का डर है। इसलिए, चाहे जो भी हो जाए, हम तब तक यहां से नहीं उठेंगे जब तक परीक्षा रद्द नहीं की जाती।

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