मथुरा में आज भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) ने कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसान और उनके नेताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर समस्याओं का समाधान शीघ्र करने की मांग की। उनका आरोप है कि बार-बार धरना और ज्ञापन देने के बावजूद उनकी समस्याओं का हल नहीं निकाला जा रहा है।
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किसान यूनियन का आरोप है कि वे कई बार धरना-प्रदर्शन और ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से समस्याओं का कोई ठोस समाधान नहीं किया गया है, जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है।
धरने का नेतृत्व कर रहे जिलाध्यक्ष संजय पाराशर ने बताया कि किसान नेताओं और किसानों ने डीएम ऑफिस के सामने फर्श बिछाकर धरना शुरू किया। इस दौरान किसानों ने जोरदार नारेबाजी की। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो यह धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा।
किसान यूनियन की 11 प्रमुख मांगें हैं, जिनमें गन्ना किसानों को 14 दिन के भीतर भुगतान, गन्ने के दाम 450 रुपये प्रति क्विंटल किए जाने, मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा तहसील के 5 गांवों की जमीनों का अधिग्रहण वापस करने जैसी मांगें शामिल हैं। इस भूमि को 1989 में नेपा पेपर मिल के लिए अधिग्रहित किया गया था, लेकिन अब तक कोई फैक्ट्री नहीं लगी।
इसके अलावा किसानों ने बिजली के निजीकरण को तत्काल रोकने, गौतम बुद्ध नगर के किसानों की समस्याओं का समाधान, आवारा पशुओं से मुक्ति, गौशालाओं में गौवंश का रजिस्टर मिलान करने, तहसील और खंड विकास कार्यालयों में हो रहे भ्रष्टाचार और उत्पीड़न को रोकने के अलावा किसानों को 18 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी मांग की।
धरने के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ने किसानों से बात की और उनकी समस्याओं को सुना। इसके बाद किसान नेताओं ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा।