लखीमपुर खीरी के निघासन क्षेत्र में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि युवक जंगल में लकड़ी बीनने गया था, जहां पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर बुरी तरह पीटा। बाद में युवक को गंभीर हालत में निघासन सरकारी अस्पताल भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवक की मौत के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया.
यह भी पढ़ें: बाइक पर जा रहा युवक आया ट्रक की चपेट में, दिल दहला देने वाला VIDEO आया सामने
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पुलिस हिरासत में हुई एक युवक की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मृतक रामचंद्र के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। जब पुलिस अधिकारी दल बल के साथ मृतक का अंतिम संस्कार कराने पहुंचे, तो परिजनों के साथ तीखी बहस हो गई।
इस दौरान, पुलिस अधीक्षक (सीओ) ने आपा खोते हुए मृतक के परिवार वालों को हड़का दिया , जिसके बाद पुलिस और परिजनों के बीच विवाद और बढ़ गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें सीओ का गुस्से में रिएक्शन साफ तौर पर देखा जा सकता है।
इंसाफ की मांग कर रहे परिजनों से सीओ ने कहा, ना मझगईं थाना सस्पेंड होगा, ना निघासन थाना सस्पेंड होगा, ना कोई मुआवजा देंगे, जितने दिन रखना है रख लो डेड बॉडी को घर पर, चार दिन-पांच दिन.. जीतने दिन मन हो।
लखीमपुर खीरी जिले के निघासन थाना क्षेत्र में एक युवक की पुलिस हिरासत में मौत के बाद विवाद बढ़ गया है। परिजनों का आरोप है कि जंगल में लकड़ी बीनने गए युवक को पुलिस ने हिरासत में लेकर पिटाई कर दी। पुलिस ने आनन-फानन उसे लेकर निघासन सरकारी अस्पताल भर्ती कराया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। और उसकी मौत की जानकारी जैसे ही परिजनों को मिली, उन्होंने शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
परिजनों ने कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। परिजनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जाएंगे, वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।इस घटना से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। सीओ समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और परिजनों से बातचीत कर उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन परिजनों ने अपनी मांगों पर अड़े रहे.
रामचंद घर से जलौनी लकड़ी लेने के लिए सुबह निकला था, लेकिन शाम तक वह घर वापस नहीं आया। उसकी पत्नी पूनम देवी ने उसे ढूंढने की कोशिश की और इस दौरान पता चला कि रामचंद को मझगईं पुलिस ने पकड़ लिया था।
परिजनों ने मझगईं पुलिस स्टेशन जाकर उससे मिलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने मिलने नहीं दिया। काफी समय बाद जब परिजनों को जानकारी मिली तो वह शॉक्ड हो गए, क्योंकि रामचंद का शव सरकारी अस्पताल में पाया गया।