शामली एनकाउंटर में शहीद हुए यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार का पार्थिव शरीर उनके निवास पर पहुंचा, तो परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचे। सुनील कुमार के बेटे ने रोते हुए कहा, “पापा एक बार तो आंख खोल लो, जिससे वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। मौके पर ADG, DIG, SSP समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहे.
शामली एनकाउंटर में शहीद हुए यूपी STF के इंस्पेक्टर सुनील कुमार का पार्थिव शरीर जब उनके घर पहुंचा, तो परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग उमड़ पड़े। इस दौरान सुनील कुमार के बेटे की श्रद्धांजलि देते हुए आवाज भर आई। रोते हुए बेटे ने कहा, “पापा एक बार तो आंख खोल लो,” और यह सुनते ही वहां मौजूद हर किसी की आंखों में आंसू आ गए।
इस भावुक मौके पर ADG, DIG, SSP समेत कई आला अधिकारी भी उपस्थित थे। सभी ने शहीद इंस्पेक्टर को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दृश्य बहुत ही दिल छूने वाला था, जिसमें परिवार और अधिकारियों ने मिलकर सुनील कुमार को अंतिम सम्मान दिया।
बता दें कि 22 जनवरी को शामली में STF की टीम ने कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर किया था, जिसमें इंस्पेक्टर सुनील कुमार को पेट में तीन गोलियां लगी थीं, और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
1971 में जन्मे सुनील कुमार मेरठ के निवासी थे और 1990 में पुलिस सेवा में भर्ती हुए थे। 2009 से वह यूपी एसटीएफ में अपनी सेवाएं दे रहे थे। इससे पहले सुनील कुमार ने लंबे समय तक पीएसी में भी काम किया था। अपने करियर में उन्होंने मुख्य आरक्षी से लेकर प्लाटून कमांडर और दलनायक के पद तक पदोन्नति प्राप्त की।
सुनील कुमार ने कई एनकाउंटर किए और बड़े बदमाशों को पकड़ने वाली टीम का हिस्सा रहे। उनकी बहादुरी और साहस को देखते हुए उन्हें कई प्रतिष्ठित पदक भी मिले थे। उनका योगदान पुलिस विभाग में हमेशा याद किया जाएगा।