मथुरा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक महिला को अपनी ही बच्ची के अपहरण के आरोप में 15 महीनों तक जेल में रहना पड़ा। मामला जनवरी 2023 का है, जब ढाई साल की बच्ची चोरी हो गई थी। पुलिस ने एक गिरोह से बच्ची तो बरामद की, लेकिन जल्दीबाजी में बच्ची की मां को ही आरोपी मान लिया और उसे जेल भेज दिया। इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब इस मामले में महिला एंव बाल कल्याण समिति ने दखल दी और बच्ची का डीएनए कराया गया. डीएनए रिपोर्ट में बच्ची आरोपी महिला की ही निकली.
एक महिला को अपनी ही बच्ची के अपहरण के आरोप में 15 महीने तक जेल में रहना पड़ा। यह मामला 7 जनवरी 2023 का है, जब मथुरा जंक्शन से ढाई साल की बच्ची चोरी हो गई थी। पुलिस ने 9 महीने बाद गिरोह से बच्ची तो बरामद की, लेकिन जल्दबाजी में उस महिला को आरोपित कर जेल भेज दिया, जो असल में बच्ची की मां थी।
महिला ने बार-बार अपनी बात पुलिस से कही, लेकिन उसकी बात नहीं सुनी गई। डीएनए जांच के बाद यह साफ हो गया कि बरामद बच्ची वही महिला की अपनी बच्ची थी, जबकि असली अपहृत बच्ची का अब तक कुछ पता नहीं चल सका।
पुलिस ने गिरोह से बच्ची को बरामद किया और दो महिलाओं को गिरफ्तार किया। इनमें से एक महिला हिना चौहान ने बच्ची को अपनी बताया था. डीएनए टेस्ट से यह सामने आया कि बरामद बच्ची हिना चौहान की थी, जिससे यह मामला और जटिल हो गया।
इस लापरवाही के चलते हिना चौहान पिछले 15 महीनों से जेल में बंद थी, हालांकि अब वह बेगुनाह साबित हुई हैं। इस पूरे मामले के बाद, एसपी जीआरपी ने नई जांच टीम गठित की है, जो यह पता लगाएगी कि फूलवती की चोरी हुई बच्ची कहां है।
इसके अलावा, जीआरपी की जांच टीम पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है। एसपी जीआरपी अभिषेक वर्मा ने कहा कि मामले में हुई लापरवाही की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।