उत्तर प्रदेश में रिश्वतखोरी का एक और मामला सामने आया है। एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को मथुरा की DPRO किरण चौधरी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। DG विजिलेंस राजीव कृष्णा के मुताबिक, यह कार्रवाई ग्राम प्रधान की शिकायत पर की गई।विजिलेंस टीम ने पूरी रणनीति के साथ DPRO के आवास पर छापेमारी की।
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मथुरा में मंगलवार सुबह विजिलेंस टीम ने डीपीआरओ (जिला पंचायत राज अधिकारी) किरन चौधरी को ग्राम प्रधान से 70,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। टीम ने डीपीआरओ और उनके चालक को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें अपने साथ ले गई। इसके साथ ही टीम ने राजीव भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में शिकायत से जुड़े सभी कागजात भी जब्त कर लिए हैं।
फरह थाना क्षेत्र के गांव झुडावई के प्रधान प्रताप सिंह राना ने उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय, लखनऊ में डीपीआरओ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2022-23 के दौरान अस्थायी गोशाला के टिन शेड के निर्माण का ठेका मै. हरे कृष्ण कंस्ट्रक्शन को निविदा प्रक्रिया के तहत दिया गया था, और इसके बाद डीपीआरओ ने इसका भुगतान भी किया था।
इस मामले में कुछ कमियां पाए जाने के कारण जिला मजिस्ट्रेट ने 16 जून 2024 को डीपीआरओ को उनके वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों से वंचित कर दिया। साथ ही ग्राम पंचायत के तीन निर्वाचित सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई। डीपीआरओ किरन चौधरी ने इस पूरे मामले से संबंधित दस्तावेज और पत्रावली उपलब्ध कराने का नोटिस जारी किया, जिसे उन्होंने समय रहते डीपीआरओ को सौंप दिया।
प्रधान की शिकायत पर विजिलेंस टीम ने मामले की जांच की और इसे सही पाया। मंगलवार को टीम ग्राम प्रधान के साथ रुपये लेकर डीपीआरओ के निवास, जो हाईवे थाना क्षेत्र की इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में स्थित था, पर पहुंची।
प्रधान ने डीपीआरओ से मिलने के लिए अपने चालक विजेंद्र सिंह को भेजा। दोनों के बीच बातचीत के बाद प्रधान ने चालक को 70 हजार रुपये सौंपे। इस दौरान डीपीआरओ भी मौके पर मौजूद थी। जैसे ही रकम का लेन-देन हुआ, विजिलेंस की टीम ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
DG विजिलेंस राजीव कृष्णा के मुताबिक, यह कार्रवाई ग्राम प्रधान की शिकायत पर की गई।विजिलेंस टीम ने पूरी रणनीति के साथ DPRO के आवास पर छापेमारी की। चार गाड़ियों के काफिले में महिला अफसरों समेत अन्य अधिकारी भी शामिल थे।
जैसे ही शिकायतकर्ता ने किरण चौधरी को रिश्वत दी, टीम ने उन्हें मौके पर गिरफ्तार कर लिया।इस दौरान विजिलेंस ने उनके मोबाइल फोन जब्त किए और बंद कमरे में करीब 30 से 45 मिनट तक उनसे पूछताछ की। टीम ने DPRO के कार्यालय से भी महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।