Saint Premanand: संत प्रेमानंद ने फिर शुरू की पदयात्रा, श्रद्धालुओं में खुशी की लहर

Saint Premanand: संत प्रेमानंद ने फिर शुरू की पदयात्रा

ब्रजवासियों की अपार श्रद्धा और अनुरोध को ध्यान में रखते हुए संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा का मार्ग बदलते हुए एनआरआई सोसाइटी के सामने से गुजरने का निर्णय लिया। इस परिवर्तन के साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए और संत के दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। श्रद्धालुओं का उत्साह और महाराज के प्रति भक्ति ने वातावरण को श्रद्धा से परिपूर्ण कर दिया, जिससे यह आयोजन और भी खास बन गया।

यह भी पढ़ेंBPSC Re Exam: बीपीएससी परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों के साथ सड़क पर उतरे खान सर, री-एग्जाम की मांग

कुछ दिन पहले एनआरआई सोसाइटी के विरोध के कारण संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था। लेकिन अब सोसाइटी के पदाधिकारियों ने महाराज से माफी मांग ली है, जिसके बाद संत ने अपनी पदयात्रा फिर से शुरू करने का निर्णय लिया। और इस फैसले से ब्रजवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई है।

सुबह के समय जब संत प्रेमानंद महाराज अपनी पदयात्रा पर निकले, तो भक्तों में जोश और उत्साह का माहौल था। ब्रजवासियों की विशेष मांग पर, उन्होंने अपनी यात्रा का रूट बदलते हुए एनआरआई सोसाइटी के सामने से गुजरने का निर्णय लिया। इस फैसले से श्रद्धालुओं में खुशी की लहर दौड़ गई, और बड़ी संख्या में भक्तों ने संत के दर्शन करके पुण्य लाभ प्राप्त किया।

कुछ समय पहले, एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के निवासियों ने संत की पदयात्रा में शोरगुल और अन्य कारणों से आपत्ति जताई थी, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, एनआरआई ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष ने संत प्रेमानंद महाराज से मिलकर माफी मांगी और यात्रा को फिर से शुरू करने की अपील की.

यात्रा के दौरान भक्तजन भजन-कीर्तन करते हुए संत महाराज के साथ साथ चल रहे थे। मार्ग के विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा करके उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान, संत प्रेमानंद महाराज ने भी भक्तों को आशीर्वाद दिया और उनका धन्यवाद किया। भक्तों का उत्साह और प्रेम वातावरण में एक अद्वितीय श्रद्धा का संचार कर रहा था।

Trending Videos you must watch it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »