मथुरा के बलदेव स्थित प्रसिद्ध दाऊजी मंदिर में अब व्यवस्थाओं में बदलाव किए जाएंगे। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि अब मंदिर में रिसीवर की तैनाती नहीं होगी। इसके बजाय, 120 साल पुराने एग्रीमेंट के तहत एक सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो मंदिर की व्यवस्थाओं का संचालन करेगी। यह आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया है.
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दाऊजी मंदिर में बीते 100 सालों से रिसीवर व्यवस्था लागू थी। इस मामले में वर्ष 2014 से तैनात रिसीवर रामकटोर पांडेय को ऑडिट रिपोर्ट जमा न करने और बिना अनुमति के मंदिर में निर्माण कार्य कराने के आरोप में हटा दिया गया था। इसके बाद कुमरपाल सिंह तोमर को रिसीवर बनाने का आदेश दिया गया था।
बलदेव के गोविंदराम पांडेय और मनोज कुमार ने इस आदेश पर रोक लगाने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 21 मार्च 2025 को उच्च न्यायालय ने इस मामले में अंतिम आदेश देते हुए रिसीवर व्यवस्था को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया।
1904 के एग्रीमेंट के अनुसार, अब सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो मंदिर के संचालन का कार्य करेगी। कमेटी का गठन वरिष्ठतम एडीजे की निगरानी में एक माह के भीतर किया जाएगा।