देवीआटस स्थित प्राचीन मंशादेवी अष्टभुजी योग माया मंदिर में 4 अप्रैल को भव्य मेला आयोजित किया जाएगा। इस मेले के अंतर्गत शाम को कुश्ती दंगल और रात्रि में रसिया दंगल का आयोजन भी किया जाएगा। मेले की तैयारियों में मेला कमेटी पूरी तरह से जुटी हुई है।
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मंदिर के पुजारी गोविंदराम ने जानकारी देते हुए बताया कि अष्टभुजी मंदिर का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व अत्यधिक है। यह वही स्थान है जहाँ अष्टावक्र ऋषि ने तपस्या की थी और यहीं से मंशा देवी स्वयं प्रकट हुई थीं, जिससे इस स्थान का नाम ‘देवीआटस’ पड़ा। मंदिर के पीछे स्थित अष्टावक्र कुंड भी धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
समाजसेवी नरसी वैष्णव ने कहा कि मेले की तैयारियों के तहत अष्टावक्र कुंड की सफाई कर उसमें शुद्ध जल भरवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, मेले में लगने वाली दुकानों को मंदिर के आसपास के खाली मैदान में व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं और दुकानदारों को कोई असुविधा न हो।
नरसी वैष्णव ने यह भी बताया कि मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंशा देवी के दर्शन करने के लिए मंदिर आएं और पुण्य लाभ प्राप्त करें।