वक्फ संशोधन विधेयक पर बुधवार रात 12 घंटे से अधिक चली बहस के बाद लोकसभा में इसे पारित किया गया। इसके बाद गुरुवार को यह विधेयक राज्यसभा में भी चर्चा के लिए पेश किया गया, जहां इसे मंजूरी मिल गई। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 वोट पड़े, जबकि विरोध में 95 वोट दिए गए।इस दौरान, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जेपीसी के कई सुझाव विधेयक में शामिल किए गए हैं।
राज्यसभा ने 13 घंटे से अधिक चली चर्चा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को पारित कर दिया। विधेयक पर मतविभाजन हुआ, जिसमें 128 सांसदों ने पक्ष में और 95 ने विपक्ष में वोट डाले। इस विधेयक के साथ ही ‘मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024’ भी पारित हो गया।
इससे पहले, लोकसभा ने बुधवार रात विधेयक को बहुमत से पारित किया था। अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा। चर्चा के दौरान विपक्षी नेताओं ने विधेयक का विरोध किया, जबकि सरकार ने इसे सुधारात्मक कदम बताया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विधेयक में कई बदलाव विपक्ष के सुझावों पर किए गए हैं।विधेयक में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में बदलाव किए गए हैं, और इसमें गैर-मुस्लिमों को भी कुछ अधिकार दिए गए हैं।
वक्फ संशोधन विधेयक पर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस
वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा और राज्यसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। विपक्ष की तरफ से मल्लिकार्जुन खरगे, रामगोपाल यादव, कपिल सिब्बल जैसे प्रमुख नेताओं ने विधेयक का विरोध किया, जबकि सत्ता पक्ष की ओर से किरेन रिजिजू, जेपी नड्डा, राधामोहन अग्रवाल और उपेंद्र कुशवाहा ने इसका बचाव किया। दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क दिए, जिसके बाद विधेयक पारित हुआ।
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय वक्फ काउंसिल में गैर मुस्लिमों का बहुमत नहीं होगा और 20 सदस्यीय काउंसिल में चार से अधिक गैर मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे। इसके साथ ही, उन्होंने विपक्ष के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि सरकार ने जेपीसी के सुझावों को पूरी तरह से स्वीकार किया है।
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर रिजिजू ने कहा, “मोदी सरकार को मुस्लिम मामलों में दखल देने का अधिकार है। जब 60 साल तक कांग्रेस का शासन था, तो मुस्लिमों की स्थिति क्यों खराब रही
वक्फ संशोधन बिल के पास होने के बाद पीएम मोदी ने कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्फ संशोधन बिल के पास होने को एक बड़ा सुधार बताया। उन्होंने शुक्रवार सुबह X पर लिखा कि यह कानून ट्रांसपेरेंसी बढ़ाएगा और गरीब-पसमांदा मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा करेगा।
वक्फ संपत्तियों में सालों से गड़बड़ी हो रही थी, जिससे खासतौर पर मुस्लिम महिलाओं और गरीबों को नुकसान हुआ। यह नया कानून इस समस्या को दूर करेगा।
वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजू जनता दल (BJD) ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी नहीं किया था और कहा कि सांसद अपनी अंतरात्मा की सुनकर इस बिल पर फैसला लें। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने इस दौरान ताजमहल पर वक्फ के दावे का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ को फटकार लगाई थी।
वहीं, विपक्ष वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बाद अब कांग्रेस ने भी कहा है कि वह इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “संविधान की रक्षा के लिए हर मंच पर आवाज उठाते रहेंगे।”
विधेयक पारित होने के बाद आज पहला जुमा है और यूपी के कई शहरों में तनाव के कारण फ्लैग मार्च निकाला गया है। दिल्ली, मुंबई समेत देश के अन्य शहरों में पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
जानें वक्फ संशोधन विधेयक की बड़ी बातें
वक्फ संशोधन विधेयक पर बुधवार रात 12 घंटे से ज्यादा बहस के बाद लोकसभा में इसे पारित किया गया, और फिर गुरुवार को राज्यसभा में भी चर्चा के बाद इसे मंजूरी मिल गई। इस विधेयक को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने कई सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने सवाल किया कि चर्चा इतनी देर से क्यों हो रही है, जबकि इसे आठ घंटे के भीतर निपटाना था।
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों को परेशान करने के लिए लाया गया है और संविधान के खिलाफ है। वहीं, बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाना है और इससे मुस्लिम समुदाय को कोई नुकसान नहीं होगा।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि विधेयक में विपक्ष के कई सुझावों को शामिल किया गया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि गैर-मुस्लिमों को वक्फ बनाने का अधिकार होना चाहिए।इस विधेयक के पारित होने के बाद अब यह राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जाएगा।