संभल के सीओ अनुज चौधरी का ट्रांसफर, अब चंदौसी में संभालेगें कमान

संभल के सीओ अनुज चौधरी का ट्रांसफर, अब चंदौसी में संभालेगें कमान

संभल के चर्चित सीओ अनुज चौधरी का तबादला कर दिया गया है. अब उन्हें संभल सर्किल से हटाकर चंदौसी सर्किल का सीओ बनाया गया है. उनकी जगह एएसपी आलोक कुमार संभल के नए सीओ बने हैं।इसके साथ ही बहजोई सर्किल के सीओ डॉ. प्रदीप कुमार सिंह को ट्रैफिक सीओ बनाया गया है।इसी बीच, अनुज चौधरी के एक पुराने बयान को लेकर विवाद फिर गहरा गया है। होली और जुमा पर दिए गए बयान में उन्हें पहले क्लीनचिट मिली थी, लेकिन अब डीजीपी ने वह क्लीनचिट निरस्त कर दी है और मामले की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।

यह भी पढ़ें:राशिफल 3 मई 2025: आज दिन शनिवार, बन रहा है सिद्धि योग, शनिदेव की कृपा से इन 5 राशियों को होगा धन संपत्ति का लाभ, अधिक खर्चा करने से बचें

संभल में शुक्रवार को पुलिस प्रशासन में बड़े स्तर पर फेरबदल किया गया। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने सीओ स्तर पर अधिकारियों का तबादला करते हुए तीन सर्किलों में नए अधिकारियों की तैनाती की है। अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहे सीओ अनुज चौधरी को चंदौसी सर्किल में भेज दिया गया है। उनकी जगह एएसपी आलोक कुमार को संभल का नया क्षेत्राधिकारी नियुक्त किया गया है।

बहजोई सर्किल से सीओ डॉ. प्रदीप कुमार सिंह को हटाकर उन्हें यातायात सीओ बनाया गया है, जबकि अब तक ट्रैफिक सीओ रहे संतोष कुमार सिंह को लाइन हाजिर कर UP डायल 112 की जिम्मेदारी दी गई है।
चंदौसी सर्किल में तैनात सीओ आलोक सिद्धू को अब बहजोई सर्किल की कमान सौंपी गई है।

विवादित बयान और जांच की पुनरावृत्ति

सीओ अनुज चौधरी हाल ही में अपने एक बयान को लेकर विवादों में आ गए थे। होली और जुमा के अवसर पर पीस कमेटी बैठक में उन्होंने कहा था. होली साल में एक बार आती है और जुमा 52 बार। अगर किसी को रंग से परहेज है, तो वह घर से बाहर न निकले। उन्होंने आगे कहा था कि अगर ईद की सेवइयां खानी हैं, तो होली की गुजिया भी खानी पड़ेगी। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पहले मामले में उन्हें जांच के बाद क्लीनचिट दी गई थी, लेकिन अब यह क्लीनचिट निरस्त कर दी गई है।

पूर्व आईपीएस अधिकारी और आज़ाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर की आपत्ति के बाद डीजीपी कार्यालय ने इस मामले की पुन: जांच के निर्देश जारी किए हैं। ठाकुर ने आरोप लगाया कि सीओ चौधरी बार-बार सेवा नियमों और वर्दी आचार संहिता का उल्लंघन कर रहे हैं और उनके बयान सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देते हैं।

मामले की दोबारा जांच अब एएसपी श्रीश्चंद्र के नेतृत्व में की जाएगी। शिकायतकर्ता को तीन दिनों के भीतर साक्ष्य और बयान प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।पहली जांच में दो गवाहों के बयान के आधार पर आरोप निराधार माने गए थे।

Trending Videos you must watch it

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Translate »