उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ बद्रीनाथ धाम के कपाट आज सुबह विधिवत रूप से खोले गए, और इसके साथ ही चारधाम यात्रा की शुरुआत हो गई है। कपाट खुलते ही पूरा धाम ‘जय बद्री विशाल’ के जयकारों से गूंज उठा और सेना के बैंड ने भक्ति धुनें बजाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस अवसर पर श्री बद्रीनाथ धाम पहुंचे. उन्होंने भगवान बद्रीनाथ की विधिवत पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा भी की गई।
उत्तराखंड के चारधामों में से एक, बद्रीनाथ धाम के कपाट रविवार सुबह सुबह 6 बजे विधिवत रूप से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस शुभ अवसर के साथ ही वर्ष 2025 की चारधाम यात्रा का औपचारिक शुभारंभ हो गया।
कपाट खोलने की प्रक्रिया तड़के 4 बजे शुरू हुई, जब मंदिर समिति के अधिकारी और कर्मचारी मंदिर की परिक्रमा में शामिल हुए। इसके बाद श्री कुबेर जी ने दक्षिण द्वार से मंदिर में प्रवेश किया। 5:30 बजे द्वार पूजन शुरू हुआ और ठीक 6 बजे रावल (मुख्य पुजारी) ने गणेश पूजा के उपरांत कपाट खोले।
बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का माना जाता है दिव्य निवास
उत्तराखंड में स्थित बद्रीनाथ धाम को भगवान विष्णु का दिव्य निवास माना जाता है और इसे धरती का ‘बैकुंठ’ कहा जाता है। यह अत्यंत पावन स्थल अलकनंदा नदी के बाएँ तट पर, नर और नारायण पर्वतों के मध्य स्थित है।बद्रीनाथ मंदिर हर वर्ष मई से नवंबर के मध्य तीर्थयात्रियों के लिए खोला जाता है। जैसे ही बर्फबारी और ठंड बढ़ती है, शीतकाल में मंदिर के कपाट विधिवत बंद कर दिए जाते हैं।
कपाट बंद होने के पश्चात भगवान बद्रीनाथ की पूजा जोशीमठ स्थित नरसिंह मंदिर में की जाती है। यह परंपरा शताब्दियों से चली आ रही है, जो श्रद्धालुओं की आस्था को मौसम की सीमाओं से परे ले जाती है।
विशेष बात यह है कि कपाट बंद करने से पहले मंदिर में प्रज्वलित किया गया दीपक, बिना बुझे पूरे छह माह तक जलता रहता है, जो श्रद्धालुओं के लिए दिव्यता और विश्वास का प्रतीक है।बद्रीनाथ धाम न केवल आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का जीवंत प्रतीक भी है
कपाट खुलते ही मंदिर परिसर ‘जय बद्री विशाल’ के जयकारों से गूंज उठा। गढ़वाल राइफल्स की सेना बैंड ने भक्ति धुनों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। महिलाओं ने पारंपरिक लोकगीतों का गायन कर इस पावन क्षण को और भी खास बना दिया।
इस बार मंदिर को करीब 40 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।इस पावन अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बद्रीनाथ धाम पहुंचे। उन्होंने भगवान बद्रीविशाल की पूजा-अर्चना की और उपस्थित श्रद्धालुओं से संवाद भी किया।
करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र है बदरीनाथ धाम- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
चारधामों में से एक, करोड़ों भक्तों की आस्था के केंद्र, भू-बैकुंठ श्री बदरीनाथ धाम के कपाट आज वैदिक मंत्रोच्चार की दिव्य ध्वनि के मध्य, पूर्ण विधि-विधान के साथ भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं। श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया है। हमारी सरकार, देश-विदेश से उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम, सुरक्षित एवं सुखद स्मृतियों से परिपूर्ण बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने इस अवसर पर कहा कि, आज का दिन पूरे देश के लिए आनंद का है। हर श्रद्धालु को इस वर्ष धाम आकर आध्यात्मिक अनुभूति प्राप्त करनी चाहिए।मंदिर समिति ने इस वर्ष परिसर में फोटो और वीडियो पर प्रतिबंध लगाया है। नियमों के उल्लंघन पर ₹5,000 का जुर्माना निर्धारित किया गया है।
सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर भगवान बद्रीनाथ के दर्शन कर रहे हैं, जिससे पूरा धाम भक्ति और श्रद्धा में डूबा नजर आया।