बांके बिहारी कॉरिडोर और न्यास अध्यादेश के खिलाफ विरोध लगातार तेज होता जा रहा है। शनिवार को मंदिर के पुजारी और स्थानीय व्यापारी परिवारों की महिलाएं मंदिर परिसर में एकत्रित हुईं और शासन को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना करते हुए ‘दूध की धार’ के साथ नंगे पैर परिक्रमा की।इस दौरान महिलाओं ने बांके बिहारी जी और गिर्राज जी का दूध से अभिषेक किया और एक किलोमीटर लंबी परिक्रमा कर कुंज बिहारी श्री हरिदास का पाठ किया। नीलम गोस्वामी ने कहा कि बांके बिहारी जी से प्रार्थना है कि जो लोग ब्रज का विनाश करने की सोच रहे हैं उनको सद्बुद्धि दें। जो कॉरिडोर और अध्यादेश नामक जो राक्षस है उसका विनाश करें।17 दिन से चल रहे इस विरोध प्रदर्शन में अब तक गोस्वामी परिवार, स्थानीय महिलाएं और कांग्रेस नेता भी शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने काली पट्टी बांध कर और महानगर अध्यक्ष ने दंडवती परिक्रमा कर विरोध जताया।
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बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र में प्रस्तावित कॉरिडोर निर्माण और न्यास गठन के विरोध में स्थानीय पुजारियों और व्यापारियों का प्रदर्शन लगातार 17वें दिन भी जारी रहा। शनिवार को इस विरोध को नया रूप देते हुए मंदिर क्षेत्र की महिलाओं ने दूध की धार से परिक्रमा कर विरोध दर्ज कराया।
शनिवार दोपहर, बांके बिहारी मंदिर के पुजारी परिवारों और व्यापारियों की महिलाएं मंदिर परिसर में एकत्रित हुईं। तपती धूप में नंगे पांव प्रदर्शन करते हुए महिलाओं ने मंदिर की देहरी पर विराजमान ठाकुर बांके बिहारी जी और गिर्राज जी का दूध से अभिषेक किया। इसके बाद महिलाओं ने करीब एक किलोमीटर लंबी परिक्रमा करते हुए क्षेत्र में सांकेतिक रूप से दूध की धार” बहाई।
महिलाएं मुख्य मंदिर गली, गोवर्धन गेट, दुसायत मोहल्ला, राधा स्नेह बिहारी और बिहारी पुरा होते हुए वापस मंदिर द्वार पहुंचीं, जहां परिक्रमा संपन्न हुई। इस दौरान उन्होंने “कुंज बिहारी श्री हरिदास” पाठ का पाठ करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन में शामिल नीलम गोस्वामी ने बताया कि यह परिक्रमा शासन-प्रशासन को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना के रूप में की गई है। उन्होंने कहा, भगवान बांके बिहारी जी से प्रार्थना है कि वे विनाशकारी सोच रखने वालों को सद्बुद्धि दें।उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन साम, दाम, दंड, भेद के माध्यम से कॉरिडोर निर्माण को जबरन लागू करने का प्रयास कर रहा है, जिसे ब्रजवासी स्वीकार नहीं करेंगे।
इस आंदोलन को राजनीतिक समर्थन भी प्राप्त हो रहा है। इससे पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था, वहीं महानगर अध्यक्ष ने दंडवत परिक्रमा कर प्रशासन के फैसले का विरोध किया था।स्थानीय पुजारियों, व्यापारियों और श्रद्धालुओं का कहना है कि बांके बिहारी मंदिर और वृंदावन की मूल धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान से छेड़छाड़ किसी भी रूप में स्वीकार नहीं की जाएगी।
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