तेलंगाना की गोशामहल सीट से भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इसकी जानकारी साझा की। इस्तीफे की मुख्य वजह राज्य भाजपा अध्यक्ष के तौर पर एन. रामचंद्र राव की नियुक्ति मानी जा रही है।अपने दो पन्नों के इस्तीफे में टी राजा सिंह ने लिखा कि यह फैसला पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भावनाओं की अनदेखी के कारण लिया गया है। उन्होंने कहा, “बहुत से लोगों की चुप्पी को सहमति नहीं समझा जाना चाहिए। राजा सिंह ने भाजपा से अलग होने के बावजूद हिंदुत्व की विचारधारा और गोशामहल की जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वह आगे भी हिंदू समाज की सेवा करते रहेंगे।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह से अपील की है कि वे प्रदेश नेतृत्व के फैसले पर पुनर्विचार करें। इस्तीफा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भेज दिया गया है।
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भाजपा विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। टी राजा सिंह तेलंगाना की गोशामहल विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक हैं। टी राजा ने अपना इस्तीफा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को भेजा है। उनके इस्तीफे के पीछे की वजह नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति को माना जा रहा है। टी राजा सिंह अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैं यह पत्र भारी मन और गहरी चिंता के साथ लिख रहा हूँ।
तेलंगाना की राजनीति में सोमवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब गोशामहल से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर अपने इस्तीफे की जानकारी साझा की।
टी. राजा सिंह को पार्टी के फायरब्रांड नेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह तेलंगाना भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में एन. रामचंद्र राव की नियुक्ति को बताया है। राजा सिंह ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जी. किशन रेड्डी को भेजे गए पत्र में लिखा कि यह फैसला उन्होंने भारी मन से और लाखों कार्यकर्ताओं की नाराजगी को ध्यान में रखते हुए लिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, श्री रामचंदर राव को तेलंगाना के लिए भाजपा का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाना तय है। यह निर्णय न केवल मेरे लिए बल्कि लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए एक सदमा और निराशा की तरह है, जो हर उतार-चढ़ाव में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि बहुत सारे लोग चुप हैं, इसे उनकी सहमति न समझा जाए। यह लाखों कार्यकर्ताओं के लिए सदमे जैसा है। यह इस्तीफा केवल मेरा नहीं, बल्कि उन हजारों कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की भावना का प्रतीक है जो आज उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से निर्णय पर पुनर्विचार की अपील की है।
राजा सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं, परंतु मैं हिंदुत्व की विचारधारा, धर्म की सेवा और गोशामहल की जनता के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हूं। और हिंदू समाज के साथ दृढ़ता से खड़ा रहूंगा।