मथुरा के चौमुहां में चंद्रोदय मंदिर के पास फुटपाथ पर सो रही एक 9 माह की बच्ची श्रेया शुक्रवार रात अपनी मां के बगल से गायब हो गई। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और एसएसपी श्लोक कुमार के निर्देश पर थाना जैंत पुलिस, एसओजी और सर्विलांस टीम ने संयुक्त अभियान चलाया।300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगालने और तकनीकी जांच के बाद मंगलवार रात छटीकरा फ्लाईओवर से पुलिस ने बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया। इस मामले में आगरा निवासी नरेश (29) और भरतपुर निवासी विष्णु उर्फ राजा (31) को गिरफ्तार किया गया।पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने बच्ची को एक महिला को गोद देने की मंशा से अपहरण किया था। महिला नवजात चाहती थी, इसलिए उसने बच्ची को लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद आरोपी दिल्ली की ओर भाग रहे थे।पुलिस ने उनके पास से बच्ची, एक बुलेट बाइक और दो मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं।
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चौमुहां क्षेत्र में स्थित चंद्रोदय मंदिर के पास बीते शुक्रवार रात एक नौ माह की बच्ची अपनी मां के पास फुटपाथ पर सो रही थी, तभी वह रहस्यमय तरीके से गायब हो गई। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
पुलिस की सतर्कता और 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की मदद से चार दिन बाद मंगलवार रात को बच्ची को सकुशल बरामद कर लिया गया। इस मामले में दो अपहरणकर्ताओं नरेश (29) निवासी आगरा और विष्णु उर्फ राजा (31) निवासी भरतपुर को गिरफ्तार किया गया है।
कैसे हुआ अपहरण?
कन्नौज निवासी मजदूर दंपत्ति मोनू और गौरी अपनी चार संतानों के साथ अक्षय पात्र के पास सड़क किनारे झोपड़ी में रहते हैं। 26 जून की रात लगभग 12:30 बजे गौरी अपनी बेटी श्रेया को सुलाकर सोई थीं। कुछ देर बाद जब उनकी आंख खुली, तो बच्ची गायब थी।
सीसीटीवी से खुला राज
पुलिस ने तत्काल केस दर्ज कर एसओजी और सर्विलांस टीम को लगाया। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर दो युवक बुलेट बाइक पर बच्ची को ले जाते नजर आए। चार दिन की मेहनत के बाद दोनों आरोपियों को छटीकरा फ्लाईओवर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
अपहरण का मकसद – गोद देने की साजिश
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी विष्णु की एक परिचित महिला, जो आठ साल से नि:संतान थी, ने उससे नवजात बच्चा गोद दिलाने की मांग की थी। इसीलिए विष्णु ने अपने साथी नरेश के साथ मिलकर नौ माह की मासूम श्रेया का अपहरण कर लिया।
लेकिन जब महिला ने बच्ची को बड़ी उम्र की बताकर लेने से मना कर दिया, तो आरोपी बच्ची को दूसरी महिला को देने गए। उसने कानूनी गोद लेने की बात कही, जिससे घबरा कर वे दिल्ली भागने की फिराक में थे, तभी पुलिस ने उन्हें धर दबोचा।
सम्मानित हुई पुलिस टीम
एसएसपी श्लोक कुमार ने बच्ची को सकुशल बरामद करने वाली टीम को ₹25,000 का नकद इनाम और प्रशंसा पत्र देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने कहा कि मासूम की सुरक्षित वापसी ने एक मां की गोद फिर से भर दी है।