भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 26 जून को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे। वहां उन्होंने कपोला मॉड्यूल से पृथ्वी और ब्रह्मांड की तस्वीरें लीं।शुभांशु ISS में 14 दिन रहेंगे और हड्डियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव पर शोध कर रहे हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसे रोगों के इलाज में सहायक हो सकता है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को शुभांशु से वीडियो कॉल पर बात की। शुभांशु ने बताया कि “अंतरिक्ष से पृथ्वी की कोई सीमा नहीं दिखती, सब एकजुट लगता है।उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने साथियों को गाजर का हलवा भी खिलाया।शुभांशु भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं और ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। वे एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसकी एक सीट भारत ने 548 करोड़ रुपये में प्राप्त की है। इस मिशन में शुभांशु भारत और NASA के 12 वैज्ञानिक प्रयोग भी कर रहे हैं, जो भारत के गगनयान मिशन को दिशा देंगे।
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 26 जून को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पहुंचे और उन्होंने वहां से कपोला मॉड्यूल की खिड़कियों से पृथ्वी की खूबसूरत तस्वीरें लीं। कपोला मॉड्यूल ISS का एक विशेष हिस्सा है, जिसमें सात पारदर्शी खिड़कियां हैं, जहां से अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड और पृथ्वी का अवलोकन करते हैं।
शुभांशु शुक्ला की हालिया तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिनमें वे पृथ्वी की ओर निहारते और कैमरे से तस्वीरें लेते नजर आ रहे हैं। वे एक्सियम-4 मिशन का हिस्सा हैं, जिसे भारत ने 548 करोड़ रुपये की लागत से भेजा है। यह मिशन ISRO, भारत सरकार और अमेरिकी कंपनी एक्सियम स्पेस की साझेदारी में चल रहा है।
शुभांशु अंतरिक्ष में 14 दिनों तक रहेंगे और इस दौरान वे भारत और NASA के 12 वैज्ञानिक प्रयोगों पर काम कर रहे हैं। इनमें से एक प्रयोग हड्डियों पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव को समझने से जुड़ा है, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के इलाज में मदद कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को शुभांशु से वीडियो कॉल पर बात की, जिसमें शुभांशु ने बताया कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखकर कोई सीमा नहीं दिखती, सब एकजुट नजर आता है। उन्होंने यह भी बताया कि अंतरिक्ष में वे दिन में 16 बार सूर्योदय और 16 बार सूर्यास्त देख रहे हैं। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या वे अपने साथ लाया हुआ गाजर का हलवा साथियों को भी खिला पाए, जिस पर शुभांशु ने मुस्कुराते हुए कहा – “हां, सबने मिलकर खाया।”
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक हैं और ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। उनके इस मिशन से भारत के आगामी गगनयान मिशन को भी वैज्ञानिक लाभ मिलेगा।