सरकार ने देश के आम आदमी को प्री-दिवाली गिफ्ट दे दिया है. बुधवार को नई दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इसके तहत टैक्स स्लैब को कम किया गया, जिससे तमाम सामानों पर लगने वाले टैक्स का रेट कम हो जाएगा. नए रेट 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे.नवरात्रि से पहले किए गए इन बदलावों का सीधा असर आम जनता, मिडल क्लास और छोटे कारोबारियों पर पड़ेगा। रोजमर्रा की वस्तुएं जैसे ब्रेड, पनीर, दूध, घी, जैम, बिस्कुट, चॉकलेट, टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू, डायपर, पेंसिल और नोटबुक अब सस्ती हो जाएंगी, क्योंकि इन पर टैक्स या तो 0% कर दिया गया है या घटाकर 5% कर दिया गया है।
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं जो 22 सितंबर 2025 से लागू होंगे। आईपीएल जैसे खेल आयोजनों के टिकट, तंबाकू, सिगरेट, बीमा, लग्जरी वाहनों और कैफीनयुक्त पेयों पर टैक्स बढ़ाया गया है। तंबाकू और लग्जरी कारों पर अब 40% ‘सिन टैक्स’ लगेगा। वहीं आम आदमी को राहत देते हुए रोजमर्रा के कई सामानों पर टैक्स घटाया गया है।
पनीर, यूएचटी दूध, भारतीय रोटियां, पराठे, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती जैसे खाद्य उत्पाद अब पूरी तरह टैक्स फ्री हो गए हैं। बटर, घी, चॉकलेट, बिस्किट, सूखे मेवे, फलों का रस, नारियल पानी, नमकीन, पास्ता, कॉर्न फ्लेक्स, अचार और कॉफी जैसे सामानों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% से 18% के बीच था। सूप, करी पेस्ट, मेयोनेज़, सलाद ड्रेसिंग, खमीर, संरक्षित मांस-मछली, दूध आधारित पेय, फल आधारित पेय, वनस्पति दूध पेय पर भी अब केवल 5% जीएसटी लगेगा।
टॉयलेट साबुन, टूथपेस्ट, टूथब्रश, डेंटल फ्लॉस, शेविंग क्रीम, हेयर ऑयल, शैम्पू, टैल्कम पाउडर, आफ्टरशेव जैसे व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। घरेलू वस्तुओं जैसे स्टील/तांबे/एल्युमिनियम के बर्तन, दूध की बोतलें, सिलाई मशीनें, बेबी नैपकिन/डायपर, मोमबत्तियां, सिलाई सुइयां और बांस से बने फर्नीचर पर भी अब 5% टैक्स ही लगेगा।
छात्रों को भी बड़ी राहत दी गई है। पेंसिल, पेंसिल शार्पनर, इरेज़र, नोटबुक, व्यायाम पुस्तिकाएं, मानचित्र, चार्ट, क्रेयॉन, प्रयोगशाला नोटबुक और जियोमेट्री बॉक्स जैसे शैक्षणिक उत्पाद अब टैक्स फ्री या सिर्फ 5% टैक्स के दायरे में आएंगे।
दवाओं और मेडिकल उपकरणों पर भी राहत दी गई है। कैंसर और दुर्लभ बीमारियों की दवाएं अब 0% टैक्स में आ गई हैं। अन्य आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक दवाओं पर 5% टैक्स लगेगा। मेडिकल ऑक्सीजन, थर्मामीटर, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर और सर्जिकल उपकरणों पर भी अब केवल 5% जीएसटी लगेगा।
किसानों को भी राहत मिली है। ट्रैक्टर, कृषि उपकरण, स्प्रिंकलर, ड्रिप सिंचाई, कंपोस्टिंग मशीन, हैंडपंप, ट्रैक्टर के टायर और पुर्जों पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है।
वाहनों और ऑटोमोबाइल सेक्टर में दोपहिया वाहन, छोटी कारें, तिपहिया वाहन, ऑटो पार्ट्स, इंजन पुर्जे पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया है। साइकिल और उसके पुर्जों पर टैक्स 5% कर दिया गया है।
गृह निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट, संगमरमर, ग्रेनाइट, रेत-चूने की ईंटें, लकड़ी के पैकिंग केस, बांस की फ्लोरिंग और कृषि अपशिष्ट से बने उत्पादों पर जीएसटी अब 5% लगेगा। टेलीविजन (32 इंच से बड़े), मॉनिटर, प्रोजेक्टर, डिशवॉशर और एयर कंडीशनर पर भी टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया है।
खिलौनों और हस्तशिल्प क्षेत्र में भी राहत दी गई है। लकड़ी/धातु/कपड़े से बने खिलौने, लूडो, कैरम, शतरंज, ताश, बोर्ड गेम, मूर्तियां, दीपक और चित्रकारी पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा।
कुल मिलाकर इस बार के जीएसटी बदलावों का उद्देश्य रोजमर्रा की जरूरतों को सस्ता बनाना, शिक्षा और चिकित्सा को सुलभ करना और घरेलू उद्योगों को प्रोत्साहन देना है। वहीं गैर-जरूरी और विलासिता की वस्तुओं पर टैक्स बढ़ाकर संतुलन साधा गया है।