नेपाल हिंसा की आग में धधक रहा है रहा है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को व्यापक जनविरोध और हिंसा के बीच इस्तीफा दे दिया। देशभर में छात्रों और युवाओं के नेतृत्व में हो रहे आंदोलनों ने कई हिस्सों में उग्र रूप ले लिया है। अब तक की घटनाओं में कम से कम 22 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 400 से अधिक घायल हुए हैं।
नेपाल से इस वक्त की एक बड़ी खबर सामने आई है.जंहाँ हिंसक प्रदर्शनों के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके अलावा गृह मंत्री रमेश लेखक, कृषि मंत्री रामनाथ, स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल और जल आपूर्ति मंत्री प्रदीप यादव सहित कुल चार मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया है। शोसल मीडिया बैन को लेकर शुरू हुए आंदोलन में अब तक 19 लोगों की मौत तो वही, करीब 300 लोगों के घायल होने की खबर है।
सूत्रों के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, सूचना एवं संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के आवास में आग लगा दी।त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।सरकार ने काठमांडू और अन्य जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने नेपाल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए सतर्कता बरतने की एडवाइजरी जारी की है।
क्या है पूरा घटनाक्रम?
प्रदर्शन की शुरुआत सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के विरोध में हुई, लेकिन जल्दी ही यह व्यापक राजनीतिक असंतोष में बदल गया। गुस्साई भीड़ ने संसद, प्रधानमंत्री आवास, राष्ट्रपति भवन और कई वरिष्ठ नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि मंगलवार रात से नेपाल सेना ने देशभर में सुरक्षा की कमान अपने हाथों में ले ली।
नेताओं के घर बने हमलों के निशाने
- पूर्व प्रधानमंत्री झालानाथ खनाल के काठमांडू स्थित घर में आग लगाई गई, जिसमें उनकी पत्नी राज्यलक्ष्मी चित्रकार गंभीर रूप से झुलस गईं। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
- पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी विदेश मंत्री आरजू राणा को प्रदर्शनकारियों ने घर में घुसकर पीटा। दोनों घायल हैं।
- वित्त मंत्री विष्णु पौडेल पर हमला हुआ। वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को उनके सीने पर लात मारते देखा गया।
प्रमुख सरकारी इमारतें और संस्थान भी निशाने पर
- सिंहदरबार, संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय समेत दर्जनों सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचाया गया।
- नेपाल सुप्रीम कोर्ट, अटॉर्नी जनरल ऑफिस, CIAA, और अन्य न्यायिक संस्थानों में आगजनी और जरूरी दस्तावेजों को जलाने की खबरें हैं।
- कांतिपुर टीवी के कार्यालय और काठमांडू एयरपोर्ट पर भी हिंसा और रद्द उड़ानों की खबर है।
जेल पर हमले और कैदियों का पलायन
- नक्खू जेल से 1500 और कास्की जेल से 900 कैदी फरार हो गए हैं। पुलिस चौकियों पर हमले के बाद जेलों पर भी भीड़ का कब्जा हो गया।
- प्रदर्शनकारियों ने हथियार भी लूट लिए हैं, जिससे सुरक्षा चिंताएं और बढ़ गई हैं।
सेना ने संभाली स्थिति, राष्ट्रपति की अपील
सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल ने देश को संबोधित करते हुए सभी समूहों से शांति की अपील की और कहा कि सेना जनसुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी।राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सभी पक्षों से बातचीत की मेज पर आने की अपील की है, हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में उनके इस्तीफे की भी चर्चा है, जिसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
🇳🇵 क्या नेपाल में नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी?
- रबि लामिछाने, जो कि RSP के अध्यक्ष हैं, जेल से रिहा कर दिए गए हैं। उनके समर्थक उन्हें अगला प्रधानमंत्री बनाए जाने की मांग कर रहे हैं।
- काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह ने संसद भंग होने की मांग की है और कहा है कि तभी सेना से बातचीत संभव होगी।
भारत सरकार ने नेपाल यात्रा को लेकर एडवाइजरी जारी की है और भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय नागरिक नेपाल यात्रा फिलहाल टालें।चीन ने ओली के इस्तीफे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि ओली को चीन समर्थक नेता माना जाता था।
इस पूरे आंदोलन में युवा, खासतौर पर जेन जेड, सबसे आगे हैं। उनका आरोप है कि पुराने नेता भ्रष्ट हैं, परिवारवाद चला रहे हैं और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।हाल ही में एक ओपन लेटर जारी कर जेन जेड नेताओं ने तोड़फोड़ न करने की अपील की है और कहा है कि अब देश उनकी लीडरशिप में है।
अब क्या आगे?
नेपाल इस समय गंभीर राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पूरी संसद को भंग किया जाए और नए संविधान व सरकार की स्थापना हो।
हालात को देखते हुए जल्द ही अंतरिम सरकार के गठन की संभावना जताई जा रही है, जिसमें रबि लामिछाने और बालेन शाह जैसे नए चेहरों को नेतृत्व सौंपा जा सकता है।