सामूहिक विवाह योजना के तहत मामले में, गाजियाबाद सिहानी गेट थाने में 6 मुकदमे दर्ज है। इस मामले में अब तक 17 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जेल भेजा गया था। अब इस मामले में एक महिला और श्रम विभाग के लिपिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
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पूरा मामला
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सामूहिक विवाह योजना के तहत श्रमिक की बेटी के विवाह में 75 हजार रुपये की सहायता प्रदान करने की योजना बनाई थी। आरोप है कि श्रम विभाग के अधिकारी और दलालों ने मिलकर सरकारी अनुदान की राशि को आपस में बांट लिया। इसके बाद, 20 मई 2023 को गाजियाबाद के सिहानी गेट थाने में इस मामले में 6 मुकदमे दर्ज किए गए। जांच में दोषी पाए गए 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था, जिसमें श्रम प्रवर्तन अधिकारी भी शामिल था। इसमें एक महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक लिपिक भी है, जो श्रम आयुक्त कार्यालय गाजियाबाद में तैनात था। गिरफ्तार महिला पर आरोप है कि उसने बेटी की शादी के लिए आवेदन किया, जबकि उसकी बेटी पहले से ही शादीशुदा थी।
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अधिकारियों है शामिल
सामूहिक विवाह योजना में श्रम विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता सामने आने के बाद इस मामले में विभागीय जांच करने के आदेश दिए गए थे। अब तक श्रम विभाग की जांच में दो अधिकारी आरोपी पाए गए हैं। विभाग के एक अधिकारी को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। अब जांच के बाद आरोपी पाए गए श्रमायुक्त कार्यालय के एक लिपिक को गिरफ्तार किया गया है। एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों में श्रम विभाग का लिपिक रोहित, परवेज, संजीव और एक महिला रहीसा शामिल है। इन लोगों को जेल भेजा जा रहा है। अब तक सामूहिक विवाह योजना मामले में 21 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
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