पुणे पोर्श कार हादसे में नया मोड़ सामने आया है. पुणे पुलिस ने पोर्श दुर्घटना मामले में नाबालिक की मां को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को जांच से पता चला है कि आरोपी डॉक्टर ने ससून अस्पताल में नाबालिग के खून के नमूने को उसकी मां के खून के नमूने से बदल दिया. खून के नमूने बदलने के आरोप में दो डॉक्टरों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
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महाराष्ट्र में पुणे पोर्श मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा के बाद अब उसकी मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी। दरअसल, इस मामले में नाबालिग के खून के नमूने को उसकी मां के खून के नमूने से बदल दिया गया था। जांच के लिए बेटे की जगह अपना ब्लड सैंपल देने के आरोप में मां को गिरफ्तार किया गया है। खून के नमूने बदलने के आरोप में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। बता दें कि दो दिन पहले पुलिस ने अदालत में बताया कि नाबालिग आरोपी के खून के नमूने को एक महिला के खून के नमूने से बदल दिया गया था।
पुलिस ने अदालत को दी थी जानकारी
जानकारी के लिए बता दें कि पुलिस ने दो दिन पहले एक स्थानीय अदालत को बताया था कि किशोर के रक्त के नमूनों का एक महिला के रक्त के साथ आदान-प्रदान किया गया था।
बता दें कि 19 मई की सुबह पुणे के कल्याणी नगर में ये घटना घटी थी। पोर्श कार ने तब बाइक सवार दो आईटी इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी। जिसके बाद इस हादसे में दोनों इंजीनियरों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कार चलाने वाला 17 साल का नाबालिग कथित तौर पर नशे में धुत था।

विधायक की सिफारिश पर डॉक्टर की नियुक्ति
अस्पताल के डीन विनायक काले का दावा है कि नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने वाले आरोपी डॉ. तावड़े को विधायक सुनील टिंगरे की सिफारिश के बाद नियुक्त किया गया था। सिफारिश के बाद ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी थी। विनायक काले ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट और ड्रग मामलों में आरोपी होने के बावजूद डॉ. तावड़े को फॉरेंसिक मेडिकल विभाग का प्रमुख नियुक्त किया गया ।
महाराष्ट्र में पुणे पोर्श मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। नाबालिग आरोपी के पिता और दादा के बाद अब उसकी मां को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने इसकी जानकारी दी। दरअसल, इस मामले में नाबालिग के खून के नमूने को उसकी मां के खून के नमूने से बदल दिया गया था। जांच के लिए बेटे की जगह अपना ब्लड सैंपल देने के आरोप में मां को गिरफ्तार किया गया है। खून के नमूने बदलने के आरोप में दो डॉक्टरों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। बता दें कि दो दिन पहले पुलिस ने अदालत में बताया कि नाबालिग आरोपी के खून के नमूने को एक महिला के खून के नमूने से बदल दिया गया था।
क्या था पूरा मामला
पुणे शहर में 18-19 मई की रात को करीब तीन करोड़ रुपये की पोर्श कार को तेज गति से दौड़ाने के चक्कर में 17 साल के लड़के ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी। गाड़ी की टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अपना संतुलन खोकर काफी दूर तक सड़क पर घिसटते चली गई, जिससे उस पर सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मौके पर मौजूद लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद आरोपी नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया गया।
इस घटना के 14 घंटे बाद आरोपी नाबालिग को कोर्ट से कुछ शर्तों के साथ जमानत मिल गई थी। कोर्ट ने उसे 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और सड़क दुर्घटनाओं के प्रभाव-समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखने का निर्देश दिया था। बाद में विवाद बढ़ा तो कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी थी। इसके बाद उसे 5 जून तक एक निरीक्षण गृह भेज दिया गया था। इसके अलावा इस मामले में अबतक नाबलिग के पिता और दादा को भी गिरफ्तार किया जा चुका ।
मां सहित 11 लोग गिरफ्तार
इस मामले में नाबालिग की मां सहित अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं इस हादसे में आरोपी के दादा और पिता को भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। कहा जा रहा है, उन्होंने ड्राइवर पर हादसे की जिम्मेदारी खुद पर लेने का दबाव बनाया था।
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