प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजधानी दिल्ली में ‘कर्तव्य भवन’ का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह भवन सिर्फ एक प्रशासनिक इमारत नहीं, बल्कि विकसित भारत के निर्माण की आधारशिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भवन आधुनिक भारत के निर्माण से जुड़े फैसलों का केंद्र बनेगा। उन्होंने इसे करोड़ों देशवासियों के सपनों को साकार करने की “तपोभूमि” बताया। मोदी ने कहा, “कर्तव्य भवन केवल एक नाम नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और संविधान के मूल मूल्यों का प्रतीक है।”
उन्होंने बताया कि इस नए भवन से केंद्र सरकार को हर साल लगभग ₹1500 करोड़ रुपये के किराये की बचत होगी। अभी तक गृह मंत्रालय समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रालय पुराने, ब्रिटिश काल की इमारतों में काम कर रहे थे, जहां न तो पर्याप्त जगह थी, न आधुनिक सुविधाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुराने कार्यालयों में काम करने की स्थिति दयनीय थी। हजारों कर्मचारियों को हर दिन एक मंत्रालय से दूसरे मंत्रालय जाना पड़ता था, जिससे न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी होती थी, बल्कि ट्रैफिक और प्रदूषण भी बढ़ता था।
उन्होंने कहा कि ‘कर्तव्य भवन’ जैसी आधुनिक इमारतें 21वीं सदी के भारत की जरूरत हैं – जहां तकनीक, सुरक्षा और सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया है। ऐसे कार्यालयों से सरकारी कामकाज की गति भी तेज होगी और सेवाएं भी ज्यादा प्रभावी तरीके से नागरिकों तक पहुंचेंगी।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि ‘कर्तव्य भवन’ केवल एक शुरुआत है। आने वाले समय में कई और ऐसे भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे भारत की प्रशासनिक व्यवस्था और भी सुदृढ़ होगी।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री ने ‘कर्तव्य’ शब्द की भारतीय संस्कृति में महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा, कर्तव्य ही प्रारंभ है, कर्तव्य ही प्रारब्ध है। राष्ट्र की सेवा में किया गया हर कार्य, हर प्रयास, हर संकल्प यही सच्चा कर्तव्य है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 6 अगस्त को नई दिल्ली स्थित कर्तव्य पथ पर नवनिर्मित कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। यह भवन सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा है, जिसके तहत कुल 10 अत्याधुनिक कार्यालय भवन बनाए जाएंगे। कर्तव्य भवन-1 और 2 भी अगले महीने तक तैयार हो जाएंगे, जबकि भवन-6 और 7 अक्टूबर 2026 तक बनकर तैयार होंगे।
नए भवन में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (PSA) के कार्यालय होंगे. इससे विभिन्न मंत्रालयों को एक ही स्थान पर लाकर दक्षता और सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैले इस भवन में सात मंजिलें और दो बेसमेंट, स्मार्ट ऑफिस, सोलर पैनल, ई-वाहन चार्जिंग, अपशिष्ट प्रबंधन, और 30% कम ऊर्जा खपत जैसी सुविधाएं हैं।
इससे सरकार को हर साल 1500 करोड़ रुपये का किराया खर्च बचाने में मदद मिलेगी। मंत्री खट्टर ने बताया कि मंत्रालयों के नए और अत्याधुनिक भवनों को बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि जो मौजूदा भवन हैं वह 1950 से 1970 के बीच बनाए गए थे। ये सभी पुराने हो गए है, इनका सालाना रखरखाव काफी महंगा हो गया था।PM मोदी शाम को कर्तव्य पथ पर एक सार्वजनिक सभा को भी संबोधित करेंगे।