दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र इस बार काफी हंगामेदार रहा। सत्र के दूसरे दिन, उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायकों ने हंगामा किया, जिसके बाद सभी 21 विधायकों को 3 दिन के लिए, यानी 28 फरवरी तक, निष्कासित कर दिया गया। अब ये विधायक सोमवार तक सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। हालांकि, एकमात्र विधायक अमानतुल्लाह खान को सस्पेंड नहीं किया गया, क्योंकि वह उस समय सदन में मौजूद नहीं थे।सत्र की गर्मी को देखते हुए, इसकी अवधि को 2 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है, और अब यह सत्र 1 मार्च तक जारी रहेगा।
दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र हंगामेदार रहा, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के 21 विधायकों को उपराज्यपाल के अभिभाषण को बाधित करने के कारण तीन दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि, AAP के विधायक अमानतुल्लाह खान सस्पेंड नहीं हुए क्योंकि वह सदन में मौजूद नहीं थे। सत्र की अवधि 1 मार्च तक बढ़ा दी गई है।
दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन मंगलवार को शराब नीति पर CAG रिपोर्ट पेश की गई, जिसे दिल्ली CM रेखा गुप्ता ने सदन में रखा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोप लगाया कि पिछली सरकार ने इस रिपोर्ट को रोक रखा था और इसे सदन में पेश नहीं किया, जो संविधान का उल्लंघन है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि नई शराब नीति से दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक्सपर्ट पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया। इन रिपोर्टों को लेकर AAP विधायकों ने जमकर हंगामा किया, जिसके बाद स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने उन्हें सस्पेंड कर दिया।
रिपोर्ट के बाद, आम आदमी पार्टी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया और विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया।। वहीं, नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मुख्यमंत्री कार्यालय से बाबा साहेब आंबेडकर की तस्वीर हटाने पर सवाल उठाया और कहा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा साहेब से बड़े हैं, जो उनकी तस्वीर हटाकर पीएम की तस्वीर लगाई गई है।