Mauni Amavasya Amrit Snan Live: भगदड़ के बाद महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान हुआ रद्द, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया आँखों देखा हाल

भगदड़ के बाद महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान हुआ रद्द

महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान आज, मौनी अमावस्या के दिन हो रहा है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दिन सूर्य, बुध और चंद्रमा मकर राशि में त्रिग्रही योग बना रहे हैं, जो इस स्नान को और भी शुभ बनाता है। माना जा रहा है कि महाकुंभ के इस दूसरे अमृत स्नान में डुबकी लगाने से भक्तों को कई सकारात्मक फल मिलेंगे। स्नान के बाद दान-पुण्य करना और मौन व्रत रखना भी आज के दिन धार्मिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी है।

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महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में भगदड़ मच गई। इस हादसे में 10 से ज्यादा लोगों की मौत की संभावना जताई जा रही है। घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की। वहीं, अखाड़ा परिषद ने सुरक्षा कारणों से अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है और सतर्कता बरतने की अपील की है।

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान पर्व मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज के संगम क्षेत्र में भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया, जिससे बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रभावित हुए। इस हादसे में 10 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और स्थिति की जानकारी ली। इसके साथ ही, अखाड़ा परिषद ने सुरक्षा को देखते हुए अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है। प्रशासन और सुरक्षा बलों द्वारा राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चलाए जा रहे हैं।

स्नान को लेकर रवींद्र पुरी का बड़ा बयान

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ में भीड़ अधिक होने के कारण स्नान को रद्द का दिया गया था, लेकिन अब जब स्थिति सामान्य हो रही है और स्नान के लिए निर्धारित घाट खाली हो रहे हैं, तो सभी अखाड़े आज स्नान करेंगे। उन्होंने बताया कि परंपरा के अनुसार, जुलूस छोटे पैमानों पर निकाले जाएंगे। मेला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है और सभी व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा रहा है।

रवींद्र पुरी ने यह भी कहा कि गलत सूचनाओं के कारण लोगों में डर फैलाया गया था, लेकिन जब वास्तविक स्थिति का पता चला, तो यह सब अफवाहें निकलीं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे संगम की ओर न भागें और जहां भी गंगा जी मिलें, वहीं स्नान करें।

भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की

महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान के दौरान हुई भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की। उन्होंने कहा कि श्रद्धालु किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और जहां भी हैं, वहीं स्नान करें। सीएम योगी ने आगे कहा कि श्रद्धालु किसी भी घाट पर स्नान कर सकते हैं, और उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए सावधानी बरतें।

भगदड़ में हुई है कुछ लोगों के मारे जाने की भी आशंका

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच रात करीब 2 बजे भगदड़ मच गई। इस हादसे में लगभग 25 लोग घायल हो गए हैं, और कुछ लोगों के मारे जाने की भी आशंका जताई जा रही है। घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, और घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।

श्रद्धालु अब एक-दूसरे का हाथ और कपड़ा पकड़कर चलते हुए दिखाई दिए

प्रयागराज के संगम तट पर हुई भगदड़ के बाद महाकुंभ में आए श्रद्धालु अब एक-दूसरे का हाथ और कपड़ा पकड़कर चल रहे हैं, ताकि वे अपने परिजनों को सुरक्षित रख सकें। इस दृश्य को देख यह स्पष्ट होता है कि श्रद्धालु अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होकर कदम उठा रहे हैं। सुरक्षा और राहत कार्यों के बीच, ये श्रद्धालु अपनी जान की सलामती के लिए एक-दूसरे का सहारा बना रहे हैं।

घटना के पीछे अफवाहों का हाथ बताया जा रहा है

मौनी अमावस्या के दिन संगम तट पर मची भगदड़ के कारण कई श्रद्धालु घायल हो गए हैं। घटना के पीछे अफवाहों का हाथ बताया जा रहा है, जिससे भगदड़ मच गई। इस स्थिति को देखते हुए अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने इस बारे में जानकारी दी और कहा कि सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

साध्वी निरंजन ज्योति ने भगदड़ की घटना पर गहरा दुख किया व्यक्त

साध्वी निरंजन ज्योति ने महाकुंभ क्षेत्र में हुई भगदड़ की घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा, “यह एक दुखद घटना है। जो कुछ भी हुआ, वह बिल्कुल भी उचित नहीं था। अखाड़ा परिषद ने जनहित को ध्यान में रखते हुए अमृत स्नान को रद्द करने का निर्णय लिया है, ताकि आगे किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

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