प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासा के एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात की। यह मिशन 41 वर्षों के बाद भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत की शुभकामनाएं दीं और पूछा कि अंतरिक्ष में उनका अनुभव कैसा है। शुभांशु ने बताया कि वह सुरक्षित हैं और यह यात्रा सिर्फ उनकी नहीं, बल्कि पूरे देश की है। उन्होंने भारतीय व्यंजन जैसे गाजर का हलवा, मूंगदाल का हलवा और आमरस अपने विदेशी साथियों को खिलाया, जो सभी को पसंद आया। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष से पृथ्वी को देखकर लगता है कि कोई सीमाएं नहीं हैं, और भारत आकार में मानचित्र से कहीं बड़ा व भव्य दिखाई देता है। शुभांशु 28,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं और दिन में 16 बार सूर्योदय-सूर्यास्त देख रहे हैं। उनके साथ इस मिशन में तीन और अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं और यह दल दो हफ्तों तक वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से संवाद किया, जो नासा के एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर 14 दिन की ऐतिहासिक यात्रा पर हैं। यह मिशन भारत की 41 वर्षों बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आप भले ही भारत भूमि से सबसे दूर हैं, लेकिन आज हर भारतीय के दिल के सबसे करीब हैं। आपकी यह यात्रा भारत के नए युग का शुभारंभ है।” उन्होंने शुभांशु से उनके स्वास्थ्य और मिशन की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
शुभांशु शुक्ला ने प्रधानमंत्री को बताया कि वह पूरी तरह सुरक्षित और स्वस्थ हैं। उन्होंने कहा, “यह केवल मेरी नहीं, बल्कि पूरे भारत की यात्रा है। इस अनुभव से गुजरते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।
संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने पूछा कि क्या उन्होंने अपने साथ ले गए भारतीय व्यंजन अंतरराष्ट्रीय साथियों को भी चखाए। शुभांशु ने बताया कि उन्होंने गाजर का हलवा, मूंगदाल का हलवा और आमरस अपने साथ ले जाकर साझा किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने काफी पसंद किया।
प्रधानमंत्री ने धरती की परिक्रमा और अंतरिक्ष में अनुभव पर भी सवाल किया। शुभांशु ने बताया कि वे दिन में 16 बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं और यह अनुभव अत्यंत अद्भुत है। उन्होंने कहा, “पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखकर लगता है कि यह एक है, सीमाओं का कोई अस्तित्व नहीं दिखाई देता। भारत को देखकर महसूस हुआ कि वह जितना नक्शों में नजर आता है, असल में उससे कहीं अधिक विशाल और भव्य है।
शुभांशु के साथ इस मिशन में पोलैंड के स्लावोश उजनान्स्की-विस्निएवस्की, हंगरी के टोबूर कापू और मिशन कमांडर पेग्गी व्हिटसन शामिल हैं। मिशन के दौरान यह दल ISS पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में 2006 में शामिल हुए थे और 2019 में गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री के रूप में चयनित हुए। उन्होंने रूस और अमेरिका में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनके माता-पिता ने टीवी पर उन्हें देखकर गर्व और खुशी व्यक्त की। उनकी मां आशा शुक्ला ने कहा, “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है, हम बहुत खुश हैं।” उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “हमारी दुआएं हमेशा उनके साथ हैं।
यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नई उपलब्धि है, बल्कि अगली पीढ़ी को प्रेरित करने वाला एक मील का पत्थर भी है।