बांके बिहारी मंदिर : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में रुकावट डालने वाले अतिक्रमण को हटाने की भी अनुमति दे दी है, लेकिन सरकार को खुद अपने खर्चे पर ही बनवाना होगा कॉरिडोर।
बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा के वृंदावन में स्थित बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर एक कॉरिडोर बनाने की यूपी सरकार की योजना को मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने मंदिर के बैंक खाते में जमा धन का कॉरिडोर बनाने की अनुमति नहीं दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार को अपनी योजना को आगे बढ़ाने की अनुमति है, लेकिन सुनिश्चित करना होगा कि सरकार को खुद अपने खर्चे पर ही कॉरिडोर बनवाना होगा इससे दर्शनार्थियों को कोई अधिकारिक बाधा नहीं होनी चाहिए।
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कोर्ट ने सरकार को कॉरिडोर बनाने में रुकावट डालने वाले अतिक्रमण को हटाने की भी अनुमति दे दी है, लेकिन सरकार को खुद अपने खर्चे पर ही कॉरिडोर का निर्माण कराना होगा। यह जानकरी देना जरूरी है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में बने कॉरिडोर की तर्ज पर ही बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर बनाया जाएगा। 8 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब 31 जनवरी 2024 को होगी मामले की अगली सुनवाई होगी।
ऐसा होगा बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर
बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर 5 एकड़ भूमि पर प्लान किया गया है। मंदिर तक पहुंचने के लिए तीन रास्ते होंगे। यमुना की ओर से आने वाला रास्ता 2100 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थित होगा और इस रास्ते को आने वालों के लिए दो हिस्सों में विभाजित किया जाएगा।
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37 हजार वर्गमीटर में पार्किंग
यमुना एक्सप्रेस वे से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बांकेबिहारी ब्रज पार्किंग को 37 हजार वर्गमीटर में तैयार किया जाएगा। यहां करीब 1550 वाहनों को एक बार में खड़ा किया जा सकेगा। पैदल जाने के लिए बांकेबिहारी मंदिर के सामने और देवराहा बाबा घाट पर छोटे पुल भी बनाए जाएंगे।