Bharat Bandh 2024: SC-ST कोटे पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज भारत बंद, क्या बंद रहेंगे स्कूल-कॉलेज और कौन-सी सेवाएं रहेंगी ठप?

SC-ST कोटे पर कोर्ट के फैसले के खिलाफ आज भारत बंद

आरक्षण पर कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. एससी और एसटी श्रेणी में क्रीमिलेयर को आरक्षण देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न दलित संगठन आज सड़कों पर उतरेंगे। इस बंद को कौन-सी राजनीतिक पार्टियां समर्थन दे रही हैं. इसमें मेडिकल सेवाओं, पुलिस और फायर सेवाओं को छोड़कर अधिकांश सेवाएं बंद रह सकती हैं। संगठनों ने सरकारी दफ्तर, बैंक, पेट्रोल पंप, स्कूल और कॉलेज बंद रखने की अपील की है। जानने के लिए जानने के लिए पढ़िए.

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 आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में बुधवार (21 अगस्त) को भारत बंद का ऐलान किया है. ‘नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ दलित एंड आदिवासी ऑर्गेनाइजेशन्स’ (एनएसीडीएओआर) ने मांगों की एक सूची जारी की है जिसमें अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए न्याय और समानता की मांग शामिल हैं। 

अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ देश भर के विभिन्न संगठनों ने आज (21 अगस्त)’भारत बंद’ का आह्वान किया है। बसपा समेत कई पार्टियां इस बंद का समर्थन कर रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था,  ”सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। उदाहरण के लिए – सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एससी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज्‍य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) कर अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।”

क्‍या हैं दो शर्त

  1. एससी के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दे सकतीं।
  2. एससी में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।

भारत बंद का कौन-कौन पार्टियां भारत कर रहीं हैं समर्थन ?

देशभर के दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा की है। इनको बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो,  भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भारत आदिवासी पार्टी मोहन लात रोत का भी समर्थन मिल रहा है।

दलित संगठनों ने आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी करके अपील की है कि मेडिकल सेवाओं, पुलिस और फायर सेवाओं को छोड़कर सुबह 6 बजे से रात के 8 बजे तक सब कुछ बंद रखा जाए। हालांकि सरकारी दफ्तर, बैंक, पेट्रोल पंप , स्कूल और कॉलेज में सामान्य रूप से काम-काज होगा। अभी तक इन्हें बंद रखने को लेकर कोई भी आदेश सामने नहीं आया है। वहींबंद के आह्वान के बावजूद सार्वजनिक परिवहन, रेल सेवाएं चालू रहेंगी।

भारत बंद बुलाने वाले दलित संगठनों की मांगे हैं कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे।  

अधिकारियों को विरोध प्रदर्शन के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के राज्यों को एससी और एसटी ग्रुप में उप-वर्गीकरण (सब-क्लासिफिकेशन) की परमिशन देने के फैसले ने व्यापक विवाद को जन्म दिया है. इस फैसले का उद्देश्य सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों को आरक्षण देने को प्राथमिकता देना है, लेकिन अलग-अलग सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया है.

  • भारत बंद के दौरान सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
  • कुछ जगहों पर निजी दफ्तर बंद किए जा सकते हैं।

ये सेवाएं जारी रहेंगी

21 अगस्त को भारत बंद के दौरान अस्पताल और एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। बैंक दफ्तर और सरकारी कार्यालय बंद रखने संबंधी अभी तक कोई आदेश सरकार की तरफ से नहीं आया है। इसलिए बुधवार को बैंक और सरकारी दफ्तर भी खुलेंगे, ऐसा माना जा रहा है।

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