उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) ने दो शिफ्ट, दो परीक्षा का फैसला वापस ले लिया है। प्रयागराज में आयोग के सामने 4 दिनों से डटे 20 हजार छात्रों के आंदोलन के आगे सरकार को झुकना पड़ा है। अब PCS की परीक्षा 1 दिन के अंदर करवाई जाएगी, जैसे पहले होती थी. वहीं, आरओ/एआरओ की परीक्षा को फिलहाल के लिए स्थगित कर दिया गया है . इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। आयोग के भीतर हुई बैठक में जिलाधिकारी, कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। कई घंटे चली बैठक के बाद आयोग ने छात्रों के पक्ष में फैसला लिया है.
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के लगातार चल रहे आंदोलन के बाद PCS और RO/ARO प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने का फैसला किया है। आयोग ने छात्रों की ओर से “वन डे, वन शिफ्ट” की मांग को स्वीकार कर लिया है। चार दिनों से जारी छात्रों का विरोध प्रदर्शन और बृहस्पतिवार को हालात में बढ़े तनाव के बाद आयोग को यह अहम निर्णय लेना पड़ा। छात्रों की मांग थी कि दोनों परीक्षाओं को अलग-अलग शिफ्ट में आयोजित न किया जाए, जिससे उन्हें परीक्षा के बीच समय की कमी का सामना न करना पड़े।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग एक दिन में कराएगा प्रारंभिक परीक्षा, मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) अब PCS प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन आयोजित करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की मांग का संज्ञान लेते हुए प्रयागराज में चल रहे आंदोलन के बीच यह निर्देश दिया। उन्होंने आयोग को छात्रों से संवाद कर और उनके साथ समन्वय स्थापित करते हुए परीक्षा के आयोजन को लेकर आवश्यक निर्णय लेने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, “आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए भी आयोग ने एक समिति गठित की है, जो सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी।”
पीसीएस प्री परीक्षा के लिए ही मान्य की गई छात्रों की मांग
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने फिलहाल केवल PCS प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन आयोजित करने की छात्रों की मांग को स्वीकार कर लिया है। हालांकि, समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा के मामले में अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा, जो इन परीक्षाओं के आयोजन से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार कर अगला निर्णय लेगी।
सात और आठ दिसंबर 2024 को होने वाली पीसीएस परीक्षा स्थगित
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। आयोग ने छात्रों की “वन डे, वन शिफ्ट” की मांग को स्वीकार करते हुए सात और आठ दिसंबर 2024 को होने वाली PCS प्रारंभिक परीक्षा स्थगित कर दी है।
चार दिनों से चल रहे छात्रों के आंदोलन और बृहस्पतिवार को बढ़ते बवाल के बाद आयोग ने इस फैसले पर विचार किया। बैठक में जिलाधिकारी, कमिश्नर और अन्य उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में कई घंटे तक मंथन हुआ, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया। छात्रों की मुख्य मांग थी कि PCS परीक्षा एक ही दिन और एक शिफ्ट में आयोजित की जाए, और आयोग के पास इस मांग को स्वीकार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे झुका यूपी लोक सेवा आयोग
प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग झुक गया है। वन शिफ्ट वन डे एग्जाम की मांग पर सहमति बन गई है। आयोग के सचिव कुछ ही देर में घोषणा कर सकते हैं। परीक्षा की तिथियां नए सिरे से निर्धारित हो सकती है। गेट नंबर 2 पर जल्द ही छात्रों को संबोधित किया जाएगा।
कई दिनों से कर रहे थे छात्र विरोध
बता दें कि अभ्यर्थी दो दिन में कई शिफ्ट में इम्तिहान का विरोध कर रहे थे। अभ्यर्थियों का कहना था कि अलग-अलग शिफ्ट में अलग-अलग पेपर आएंगे, किसी शिफ्ट में मुश्किल पेपर आ सकता है और किसी में आसान इससे अभ्यर्थियों का नुक़सान होगा।
नॉर्मलाइजेशन का विरोध, छात्रों ने उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा नॉर्मलाइजेशन पद्धति को लागू करने का भी छात्रों ने विरोध किया है। अभ्यर्थियों का कहना है कि इस फार्मूले से उन्हें नुकसान होगा, क्योंकि नॉर्मलाइजेशन के तहत जिस शिफ्ट में ज्यादा उम्मीदवार होंगे, उन्हें अधिक अंक मिलेंगे, और कम उम्मीदवार वाली शिफ्ट में कम अंक दिए जाएंगे।
छात्रों का कहना है कि UPPCS, RO/ARO परीक्षा के विज्ञापन में पहले ही यह बात स्पष्ट की गई थी कि परीक्षा एक ही दिन आयोजित की जाएगी, लेकिन अब परीक्षा की शेड्यूल और नॉर्मलाइजेशन पद्धति में बदलाव किया जा रहा है।
अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि “खेल के नियम खेल शुरू होने के बाद नहीं बदले जा सकते।” छात्रों का सवाल है कि जब परीक्षा के नियम पहले से तय थे, तो अब कैसे उन्हें बदला जा सकता है?