14 दिसंबर को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मथुरा में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में दो जोड़ों ने धोखाधड़ी की। इन जोड़ों ने केवल 51 हजार रुपए के सामान और नगदी के लालच में पहले से शादीशुदा होने के बावजूद दोबारा विवाह किया। मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर इस धोखाधड़ी की जानकारी वायरल हुई।
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मामले में शामिल एक जोड़ा, आकाश और रिंकी, की शादी 22 नवंबर को ही हो चुकी थी, लेकिन आकाश ने अपनी पत्नी के साथ एक महीने के अंदर ही सामूहिक विवाह समारोह में भाग लिया और फिर से सात फेरे ले लिए।
गुरुवार को जिला समाज कल्याण अधिकारी नगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि मथुरा में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 14 दिसंबर को बीएसए इंजीनियरिंग कॉलेज में 142 जोड़ों का सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस कार्यक्रम के बाद हुई जांच में दो जोड़े अपात्र पाए गए। इन जोड़ों को जो वैवाहिक सामग्री दी गई थी, जिसमें ट्रॉली बैग, 5 लीटर प्रेशर कुकर, 51 बर्तनों का डिनर सेट, चांदी की पायल, चांदी की बिछिया, दीवार घड़ी, दूल्हा और दुल्हन के कपड़े, मेकअप किट, डबल बेड कंबल, बैडसीट मय पिलो कवर और प्रेस शामिल थे, सभी सामान रिकवर कर लिया गया है। इस मामले में कोई भी सामग्री अवशेष नहीं रही।
जिला समाज कल्याण अधिकारी नगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि इस आयोजन में किसी प्रकार की सरकारी धनराशि की हानि नहीं हुई है और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है। मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीणा ने मामले को पहले दबाने की कोशिश की, लेकिन जांच में सही पाया जाने पर ग्राम पंचायत सचिव से जवाब मांगा गया है।