शिक्षा मंत्रालय ने कक्षा 5वीं से 8वीं तक के लिए नो डिटेंशन पॉलिसी (No Detention Policy) को खत्म करने का बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत, अब अगर कोई छात्र इन कक्षाओं में फेल हो जाता है, तो उसे अगली कक्षा में प्रमोशन नहीं मिलेगा। ऐसे छात्रों को पास होने के लिए दोबारा परीक्षा पास करनी होगी। हालांकि, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि स्कूल छात्रों को निष्कासित नहीं कर सकते हैं। यह फैसला शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों को बेहतर तरीके से शिक्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
यह भी पढ़ें: ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में दर्शन के दौरान 4 श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नो डिटेंशन पॉलिसी (No Detention Policy) को खत्म करने का फैसला लिया है। इसके बाद, कक्षा 5वीं से लेकर 8वीं तक के वो छात्र जो अपनी कक्षा में फेल हो जाते हैं, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोशन नहीं मिलेगा।
नए नियम के तहत, फेल छात्रों को अब दोबारा वही कक्षा पास करनी होगी। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि स्कूल इन छात्रों को निष्कासित नहीं कर सकते हैं। वे पास होने के लिए फिर से परीक्षा देंगे, और तब तक पदोन्नति नहीं होगी जब तक वे परीक्षा पास नहीं करते।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का बड़ा कदम, अब स्कूल नहीं कर सकेंगे छात्रों को निष्कासित
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नो डिटेंशन पॉलिसी को समाप्त करने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके साथ ही एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब, यदि कोई छात्र कक्षा 5 से 8 तक फेल हो जाता है, तो स्कूल उसे निष्कासित नहीं कर सकते हैं। नए नियम के तहत, स्कूलों को यह अधिकार नहीं होगा कि वे किसी छात्र को बाहर निकालें।
नो डिटेन्शन पॉलिसी खत्म करने के पीछे क्या है सरकार की मंशा?
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से पिछले कुछ समय से नो डिटेन्शन पॉलिसी को लेकर लगातार चर्चा की जा रही थी, और अब इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है। इस पॉलिसी को खत्म करने का मुख्य उद्देश्य छात्रों की एकेडमिक परफॉर्मेंस में सुधार लाना है। इसके साथ ही, यह कदम छात्रों की सीखने की क्षमता में भी विकास करने में मदद करेगा।
फेल छात्रों को मिलेगा 2 महीने का मौका, परीक्षा देकर पास हो सकेंगे
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के नए नियम के तहत, अब ऐसे छात्र जो कक्षा 5 से लेकर 8 तक फेल हो जाते हैं, उनके लिए स्कूलों को दो महीने के अंदर पुनः परीक्षा आयोजित करनी होगी। इस नियम के चलते, फेल छात्र केवल 2 महीने के भीतर उस विषय की बेहतर तैयारी करके फिर से परीक्षा में बैठ सकते हैं और उस कक्षा में पास हो सकते हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दौरान स्कूल किसी भी छात्र को कक्षा से निष्कासित नहीं कर सकेंगे।