राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने युवाओं तक अपनी पहुंच बनाने और उन्हें प्रेरित करने के उद्देश्य से मथुरा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का नाम ‘इनोवेटिव भारत’ रखा गया, और इसकी थीम थी प्रतिभाएं भारत में रहकर भारत का सम्मान बढ़ाएं। मथुरा के के.डी. डेंटल कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न महाविद्यालयों के 100 से ज्यादा छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अब युवाओं तक अपनी पहुंच पहुंचाने के लिए प्रयासरत है। इसी सोच के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने मथुरा में महाविद्यालय के छात्रों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रतिभाएं भारत में रहकर भारत का सम्मान बढ़ाएं थीम को लेकर इनोवेटिव भारत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मथुरा के विभिन्न महाविद्यालयों के 100 से अधिक छात्र-छात्राएं इस कार्यक्रम का हिस्सा बने और अपनी विचारधारा एवं क्षमताओं को साझा किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बैनर तले मथुरा में ‘इनोवेटिव भारत 3.0’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन मथुरा के के.डी. डेंटल कॉलेज के सभागार में हुआ, जिसमें मथुरा के कुल 22 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में 1284 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था, जिन्होंने 855 PPTs तैयार कीं और अपने-अपने कॉलेजों में पहले प्रस्तुतिकरण किए। इनमें से 61 PPT टीमें चयनित होकर इस आयोजन के फाइनल में पहुंची, जहां उन्होंने अपनी परियोजनाओं और विचारों का प्रस्तुतीकरण किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा आयोजित ‘इनोवेटिव भारत’ कार्यक्रम का सफल आयोजन मथुरा के के.डी. डेंटल कॉलेज के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मथुरा जिले के महाविद्यालयों के छात्रों को नवाचार (innovation) और सृजनात्मक सोच को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम में छात्रों को किसी अनूठे नवोन्मेष विचार के साथ आने का आमंत्रण दिया गया था, जिसे उन्हें पावर प्वाइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उपस्थित लोगों के सामने साझा करना था। छात्रों ने अपनी-अपनी विचारधाराओं को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के रूप में प्रस्तुत किया, जो उनकी नवाचार क्षमता और सृजनात्मक सोच को प्रदर्शित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में सबसे अनूठे और संभव हो सकने वाले तीन नवोन्मेष विचारों को नगद पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार विजेताओं के लिए एक प्रेरणा बन गए, और उन्हें उनके विचारों के लिए उचित मान्यता मिली।
कार्यक्रम की महत्ता पर बोलते हुए संघ के अखिल भारतीय अधिकारी, अजीत महापात्र ने कहा कि भारत में जितनी प्रतिभाएं हैं, उतनी पूरे विश्व में कहीं नहीं हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत का युवा आज नवीनतम आविष्कारों और नई तकनीकों में दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहा है। भारत की युवा पीढ़ी ने वैश्विक स्तर पर अपनी कड़ी मेहनत और सृजनात्मकता से दुनिया के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में सफलता हासिल की है, और हर जगह भारत की प्रतिभाएं अपना लोहा मनवा रही हैं।
महापात्र जी ने स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए यह भी बताया कि स्वामी विवेकानंद को अमेरिका से भी एक प्रमुख अवसर मिला था, लेकिन उन्होंने अपने देश में ही अपनी सेवाएं देने का निर्णय लिया।