कान्हा की नगरी में होली का उल्लास चारों ओर छाया हुआ है। मथुरा, वृंदावन, बरसाना और दाऊजी में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। खासकर बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब देखने को मिल रहा है। यहां होली के अवसर पर भक्तों ने रंगों में सराबोर होकर भगवान बांके बिहारी के दर्शन किए और उल्लास के साथ रंगोत्सव मनाया। मंदिर परिसर में हर ओर रंगों की बौछार और भक्ति की लहरें फैल गई हैं, जहां श्रद्धालु नाचते-गाते हुए कान्हा की महिमा का गान कर रहे हैं।
ब्रजमंडल में होली की धूम मच गई है। रंगभरनी एकादशी के पावन अवसर से कान्हा की नगरी में पंच दिवसीय रंगोत्सव की शुरुआत हो चुकी है। भक्तों की टोलियां भक्ति और उल्लास में डूबकर आनंद के रस में गोते लगा रही हैं। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में इस बार भी रंगोत्सव का एक अनोखा नजारा देखने को मिल रहा है।
जैसे ही ठाकुर बांके बिहारी लाल धवल श्वेत वस्त्र धारण कर भक्तों को दर्शन देने पहुंचे, पूरा मंदिर ‘रास रचैया’ की जय-जयकार से गूंज उठा। सेवायत गोस्वामीजन ने सोने-चांदी की पिचकारियों से भक्तों पर टेसू के फूलों से बने प्राकृतिक रंगों की बौछार की, जिससे वातावरण रंगों और भक्ति से ओत-प्रोत हो गया।
आंवला एकादशी के मौके पर बलदेव स्थित श्री दाऊजी महाराज मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं ने श्री दाऊजी महाराज के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इस दौरान टेसू के रंग और गुलाल की बारिश से श्रद्धालु आनंदित होते रहे। होली के विभिन्न पदों का गायन किया गया और रंगों की बौछार में भक्त गाते-बजाते नजर आए। समाज गायन में सेवायत श्रद्धालु नाचते-गाते हुए होली के उल्लास में सराबोर हो गए। होली महोत्सव की इस छटा को देखने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु बलदेव पहुंच रहे हैं।
बलदेव में श्री दाऊजी महाराज का विश्व प्रसिद्ध हुरंगा
बलदेव में श्री दाऊजी महाराज का विश्व प्रसिद्ध हुरंगा 15 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा। हुरंगा की पूर्व तैयारी के तहत प्रतिदिन हुरियारिनें नृत्य महारास का अभ्यास कर रही हैं। इस पूर्वाभ्यास को देखने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।
बैंड-बाजे की धुन पर होली गीत और रसिया गाते हुए सैकड़ों महिलाएं परंपरागत लहंगा, फरिया और स्वर्ण आभूषण पहनकर नाचती हैं, जिससे वातावरण रंगों और उल्लास से भर जाता है। श्रद्धालु इस उत्सव में पूरा आनंद ले रहे हैं। इसके अलावा, आधा दर्जन श्री कृष्ण, बलराम और राधा कृष्ण के रूप में महिलाएं नृत्य करती हुई गाती हैं, जिससे कार्यक्रम में और भी भक्ति का माहौल बन रहा है।