उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में मंगलवार को 185 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर बुलडोजर चला दिया गया। पूरी कार्रवाई के दौरान आसमान में ड्रोन उड़ाकर फोटो और वीडियो भी खींचे गए। हालांकि, मस्जिद का अगला भाग और इबादत स्थल अभी भी सुरक्षित है।मस्जिद कमेटी ने इस कार्रवाई को मनमानी बताते हुए इसे कोर्ट तक ले जाने की बात की है। मस्जिद कमेटी का दावा है कि 12 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में होने वाली है।
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फतेहपुर के ललौली कस्बे में 1839 से स्थापित नूरी जामा मस्जिद पर मंगलवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। मस्जिद के पिछले हिस्से में 18 फीट अतिक्रमण होने का आरोप लगाते हुए प्रशासन ने इस हिस्से को तोड़ दिया। पूरी कार्रवाई के दौरान आसमान में ड्रोन उड़ाकर फोटो और वीडियो भी बनाए गए।मस्जिद का अगला हिस्सा और इबादत स्थल अब भी सुरक्षित है।
फतेहपुर के ललौली कस्बे में स्थित 1839 से पुरानी नूरी जामा मस्जिद पर मंगलवार को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। मस्जिद के पिछले हिस्से में 18 फीट अतिक्रमण को चिल्ला-ललौली मार्ग के सुदृणीकरण और कस्बे की जल निकासी व्यवस्था के लिए नाला निर्माण के उद्देश्य से तोड़ा गया।
सुरक्षा और चौकसी के मद्देनजर भारी पुलिस बल मौके पर तैनात किया गया। हालांकि, मस्जिद कमेटी ने इस कार्रवाई को मनमानी करार दिया और इसे कोर्ट तक ले जाने की बात की है। मस्जिद कमेटी का दावा है कि 12 दिसंबर को इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी।
134 लोगों को नोटिस, क्या है इसके पीछे की वजह?
बांदा जनपद को जोड़ने वाले चिल्ला-ललौली मार्ग पर स्थित ललौली कस्बे में लोक निर्माण विभाग के निर्माण खंड-2 ने सड़क सुदृणीकरण और नाला निर्माण के लिए अतिक्रमण चिह्नित किया था। अगस्त महीने में इस कार्य के लिए विभाग ने सड़क की दाईं और बाईं पटरी पर स्थित मस्जिद समेत अन्य मकानों और दुकानों के मालिकों को अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी किए थे।
कुल 134 लोगों को अतिक्रमण हटाने की नोटिस दी गई थी। इनमें से कुछ लोगों ने अतिक्रमण हटा लिया, लेकिन कई लोग अभी भी अपने अतिक्रमण को नहीं हटा पाए हैं।
मस्जिद कमेटी ने मांगा था 30 दिन का समय
फतेहपुर के ललौली कस्बे में चिल्ला-ललौली मार्ग पर स्थित नूरी जामा मस्जिद के आसपास के अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने 24 सितंबर को अभियान चलाया था। इस दौरान बुलडोजर (बैकहो लोडर) का उपयोग कर अतिक्रमण साफ किया गया। मस्जिद कमेटी ने खुद से अतिक्रमण हटाने के लिए 30 दिन का समय लिया था, लेकिन इसके बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया।
मस्जिद कमेटी ने मामले को हाईकोर्ट में ले जाने का निर्णय लिया और 6 दिसंबर को सुनवाई की तिथि तय की थी, लेकिन सुनवाई न होने के कारण अब अगली तिथि 12 दिसंबर को निर्धारित की गई है।
इस बीच, मस्जिद कमेटी की ओर से अतिक्रमण हटाने में लगातार अनदेखी किए जाने पर प्रशासन ने मंगलवार को अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई की। प्रशासन ने अतिक्रमित भूमि को साफ कर उसे अपने कब्जे में ले लिया।