आज 7 सितंबर 2025 है और यह दिन भाद्रपद पूर्णिमा का है। इसी के साथ आज एक पूर्ण चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। यह चंद्रग्रहण भारत के सभी शहरों में दृश्य होगा। चंद्रग्रहण को ज्योतिषशास्त्री से लेकर खगोलशास्त्री तक बड़ा और महत्वपूर्ण मान रहे हैं क्योंकि यह चंद्रग्रहण काफी लंबे समय तक दृश्य होगा। चंद्रग्रहण रात 7 सितंबर की मध्यरात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण समाप्त होते ही कुछ काम करना बेहद जरुरी है। ग्रहण के आरंभ होने पर मन ही मन मंत्रों का उच्चारण करें जैसे ही ग्रहण समाप्त हो जाए तो स्नान करके ही सोएं यदि ऐसा संभव नहीं है तो गंगा जल छिड़क कर ही सोएं। इसके बाद 8 सितंबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के बाद दान आदि सहित कुछ कार्य करें।
बस कुछ घंटे में शुरू होने वाला है चंद्रग्रहण, जल्दी खाना पीना निपटा लें
चंद्रग्रहण उपछाया शुरू होने मे अब कुछ ही देर बाकी रह गया है। चंद्रमा आसमान में उज्जवल होकर भ्रमण कर रहे हैं और राहु चंद्रमा को ग्रसित करने बढा चला आ रहा है। जैसे ही रात के 8 बजकर 57 मिनट का समय होगा चंद्रमा का कांति धूमिल होने लगेगी और चंद्रमा रात 11 बजकर 1 मिनट चंद्रमा को ग्रहण लगना शुरू हो जाएगा।
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण और भारत में इस साल का पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, 7 की रात को लगने जा रहा है। यह खगोलीय घटना भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि को घटित होगी और इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे भारत के अधिकांश हिस्सों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।यह सिर्फ एक खगोलीय घटना ही नहीं, बल्कि धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ग्रहण का समय (भारतीय समयानुसार)
- चंद्र ग्रहण प्रारंभ: रात 9:57 बजे
- ग्रहण का मध्य काल: रात 11:41 बजे
- ग्रहण का मोक्ष (समाप्ति): रात 1:27 बजे (8 सितंबर)
ग्रहण का स्पर्श, मध्य और मोक्ष — तीनों चरण पूरे भारत में दृश्यमान रहेंगे।
सूतक काल की जानकारी:
- सूतक काल की शुरुआत: 7 सितंबर को दोपहर 12:26 बजे
- सूतक काल की समाप्ति: ग्रहण के मोक्ष के साथ — रात 1:27 बजे
सूतक काल के दौरान:
🔸 देव-प्रतिमाओं को स्पर्श करना वर्जित है
🔸 पूजा-पाठ, हवन आदि नहीं किए जाते
🔸 लेकिन इस दौरान जप और ध्यान करना विशेष रूप से फलदायक माना जाता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से ग्रहण
ज्योतिषाचार्य के अनुसार यह चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है। इसके कारण यह ग्रहण कुछ राशियों पर शुभ और कुछ पर चुनौतीपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
कहां-कहां दिखेगा यह चंद्र ग्रहण?
यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत के अलावा पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, और यूरोप में भी दिखाई देगा।
ध्यान देने वाली बात यह है कि
- चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को ही लगता है,
- जबकि सूर्य ग्रहण केवल अमावस्या को ही घटित होता है।
अब सवाल ये उठता है कि आज का चंद्र ग्रहण कितने बजे से कितने बजे तक रहेगा, और इसका सूतक काल कब से शुरू होगा?
राशियों पर प्रभाव
चंद्र ग्रहण का असर ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ संकेत ला सकता है, तो कुछ को सावधानी बरतनी चाहिए।