दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज रविवार को रवि शंकर शुक्ला लेन स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं के सामने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे को लेकर बड़ा एलान कर दिया है। साथ ही पीएम मोदी पर निशाना साधा ।
तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने पहले संबोधन में आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने घोषणा की कि वह दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री का पद छोड़ देंगे। दो दिन बाद पार्टी विधायक दल की बैठक होगी। इस बैठक में अगले मुख्यमंत्री को लेकर फैसला लिया जाएगा।”
केजरीवाल ने यह भी मांग की कि फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय राजधानी के चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र चुनावों के साथ कराए जाएं। “फरवरी में चुनाव हैं। मेरी मांग है कि चुनाव महाराष्ट्र के साथ ही कराये जाएं. चुनाव होने तक आम आदमी पार्टी से कोई और मुख्यमंत्री बनेगा.”
अब खत्म हो चुकी शराब नीति से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल को शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया। आप नेताओं मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, विजय नायर और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की के कविता के बाद केजरीवाल इस मामले में जमानत पाने वाले पांचवें हाई-प्रोफाइल नेता बन गए।
केजरीवाल ने कहा “मैं दो दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं। जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती, मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा… मैं हर घर और गली-गली में जाऊंगा और तब तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा मुजब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल इमानदार है, तब तक मैं कुर्सी पर नहीं बैठूंगा.’
उन्होंने खुलासा किया कि पार्टी के एक सदस्य को मुख्यमंत्री नामित किया जाएगा, जिसका निर्णय आने वाले दो दिनों में होने वाली कैबिनेट बैठक के दौरान किया जाएगा। आप सुप्रीमो ने कहा कि मनीष सिसौदिया मुख्यमंत्री की भूमिका नहीं संभालेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने मनीष से बात की, उन्होंने भी कहा है कि वह तभी पद संभालेंगे जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं। मेरी और सिसौदिया की किस्मत अब आपके हाथ में है।”
केजरीवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रची गई “साजिशें” उनके “चट्टान जैसे संकल्प” को नहीं तोड़ सकतीं और उन्होंने राष्ट्र के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने की कसम खाई।
उन्होंने केंद्र की आलोचना करते हुए दावा किया कि यह ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से भी अधिक तानाशाही है। जेल में बिताए गए समय पर विचार करते हुए, केजरीवाल ने कहा, “मैंने जेल से केवल एक पत्र लिखा था, और वह भी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उपराज्यपाल को, मेरी अनुपस्थिति में आतिशी को झंडा फहराने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। पत्र वापस कर दिया गया था” , और मुझे चेतावनी दी गई कि अगर मैंने कोई और लिखा, तो मुझे अपने परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
कार्याकर्ताओं में दिखा जबरदस्त उत्साह
इससे पहले आप के राष्ट्रीय महासचिव संगठन डॉ. संदीप पाठक ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बाहर आने से पार्टी कार्याकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है और पहले से सौ गुना ज्यादा ताकत से देशहित में काम करने के लिए तैयार हैं।
शुक्रवार को मिली थी जमानत
अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में शुक्रवार (13 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। शनिवार को सीएम केजरीवाल ने पत्नी सुनीता के साथ कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर हुंचकर पूजा अर्चना की।इसके साथ ही हरियाणा में आम आदमी पार्टी (आप) के राजनीतिक अभियान की कमान संभालने की दिशा में पहला कदम उठाया।
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