किश्तवाड़ में बादल फटने से मची भारी तबाही, तस्वीरों में खौफनाक मंजर, दो पुल बहे, 40 लोगों की मौत, 167 को बचाया- सूत्र

किश्तवाड़ में बादल फटने से मची भारी तबाही, तस्वीरों में खौफनाक मंजर, दो पुल बहे, 40 लोगों की मौत, 167 को बचाया- सूत्र

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में गुरूवार को कुदरत ने कहर बरपाया. यहां मचैल माता मंदिर के पास अचानक बादल फट गया. हादसे में 40 लोगों की मौत की खबर है, जबकि 50 लोगों को अब तक रेस्क्यू किया गया है. ये हादसा हिमालय स्थित माता चंडी के मंदिर की यात्रा के दौरान चिशोती इलाके में हुआ. घटना की जानकारी मिलते ही राहत और बचाव दल मौके पर भेज दिए गए और बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि चिशोती में हुई घटना काफी ज्यादा जनहानि का कारण बन सकती है, उन्होंने कहा कि प्रशासन ने स्थिति का जायजा लेने के लिए टीमों को भेजा है। अधिकारियों का कहना है कि किश्तवाड़ में बादल फटने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, मलबे में और लोगों के फंसे होने की आशंका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और बाढ़ की घटना पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रभावित सभी लोगों के साथ उनकी संवेदनाएं हैं. राहत-बचाव कार्य जारी हैं.

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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोटी गांव में गुरुवार दोपहर 12:30 बजे बादल फटने से भीषण त्रासदी हुई। इस हादसे में अब तक 30 से अधिक लोगों की मौत की खबर है, जबकि 167 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। अभी भी 100 से ज्यादा लोग लापता हैं। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।

यह हादसा उस वक्त हुआ जब हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के पहले पड़ाव चशोटी गांव में एकत्र थे। भारी बारिश और बादल फटने से टेंट, लंगर, दुकानें और वाहन बाढ़ में बह गए। पूरा क्षेत्र मलबे और पानी से भर गया, जिससे कई लोग इसकी चपेट में आ गए।

चशोटी गांव किश्तवाड़ से 90 किलोमीटर दूर पड्डर घाटी में स्थित है और मचैल माता यात्रा का शुरुआती पड़ाव है। इस तीर्थ यात्रा के दौरान श्रद्धालु पहाड़ी रास्तों से होते हुए मंदिर तक पहुंचते हैं। यह क्षेत्र भौगोलिक रूप से संवेदनशील है और ढलानें पानी के बहाव को और तेज कर देती हैं।

सेना, पुलिस, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव में लगे हैं। वायुसेना और एनडीआरएफ की टीमें भी मौके पर तैनात की जा रही हैं। ड्रोन और आधुनिक उपकरणों की मदद से लोगों की तलाश की जा रही है।

इस त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दुख व्यक्त किया है और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम और ‘ऐट होम’ चाय पार्टी रद्द कर दी है।

वहीं, कांग्रेस ने राहत कार्यों में तेजी लाने की अपील की है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं। आसपास के जिलों से एंबुलेंस और मेडिकल टीमें मौके पर भेजी गई हैं।

चशोटी गांव में स्थानीय लोगों ने भी राहत कार्यों में प्रशासन की मदद की। कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। घटनास्थल से आई तस्वीरें और वीडियो इस आपदा की भयावहता को बयां कर रहे हैं।

अभी भी दर्जनों लोग लापता हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने लोगों से धैर्य बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है।

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