उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, … जब विदेशी आक्रांताओं द्वारा भारत के धर्म और संस्कृति को रौंदा जा रहा था। उस कालखंड में सद्गुरू रविदास महाराज का आर्भिभाव होता है… सद्गुरू रविदास महाराज ने सामाजिक आडंबर और कुरीतियों के प्रति समाज को जागरुक किया… उन्होंने कहा था कि मन चंगा तो कठौती में गंगा। उनका यह कथन जीवन में आंतरिक पवित्रता का प्रतीक है। उन्होंने सामाजिक बुराइयों से दूर रहने के लिए समाज को नई प्रेरणा दी.
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मुजफ्फरनगर के शुकतीर्थ में आयोजित विशाल संत समागम और सत्संग कार्यक्रम में बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सहभागिता की। यह आयोजन संत स्वामी ज्ञान भिक्षुक दास महाराज की 65वीं पुण्यतिथि और सतगुरु समनदास जी महाराज की स्मृति में किया गया था।
मुख्यमंत्री योगी ने इस अवसर पर संतों की भूमिका को समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि संतों ने समाज को एकजुट करने और सामाजिक समरसता का मार्ग दिखाया है। उन्होंने कहा, “यह वही मार्ग है, जो समाज में कैराना और कांधला जैसी घटनाओं को रोकता है, और हमें सुरक्षा, एकता व आत्मबल प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री ने संत रविदास जी महाराज को याद करते हुए कहा कि गुलामी के दौर में उन्होंने धर्म, कर्म और सामाजिक सुधार की ज्योति जलाई। रविदास जी ने कर्म पर आधारित जीवन दर्शन दिया और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ जैसे सूत्रों से आंतरिक पवित्रता और समता का संदेश दिया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास के विचारों को ‘प्रधानमंत्री गरीब अन्न कल्याण योजना’ के माध्यम से साकार किया है, जिसके तहत कोरोना काल से अब तक 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन दिया जा चुका है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने संत ज्ञान भिक्षुक दास महाराज के योगदान को भी स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने सतगुरु रविदास की परंपरा को शुकतीर्थ में आगे बढ़ाया और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रसार किया.