विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तीखा हमला बोला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह विचित्र बात है कि एक ओर तो वे उर्दू की वकालत करते हैं, और दूसरी ओर अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में भेजते हैं, जबकि दूसरे बच्चों को संसाधनों से रहित गांव के स्कूलों में पढ़ने की सलाह देते हैं।सीएम ने यह भी पूछा कि क्या बच्चों को उर्दू पढ़ाकर मौलवी बनाएंगे? यह टिप्पणी सपा नेता माता प्रसाद पांडे द्वारा उर्दू को लेकर की गई मांग पर की गई।
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उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर तीखा हमला किया। विधानसभा में क्षेत्रीय भाषाओं को सदन में उपयोग करने की मांग को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने उर्दू को सदन की भाषा बनाने की बात की। इस पर सीएम योगी भड़क गए और उन्होंने अवधी, भोजपुरी, वृजभाषा और बुंदेलखंडी को सम्मान देने की बात करते हुए विपक्ष पर सवाल उठाने का आरोप लगाया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीधे समाजवादी पार्टी की राजनीति पर सवाल उठाकर विपक्ष को चुप करवा दिया। इस दौरान सदन में शांति का माहौल रहा। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर तीखा हमला किया था। हालांकि, सीएम के कड़े हमलों के बाद विपक्षी सदस्य नजदीकी तौर पर चुप हो गए। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में हुए 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 8 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि समाजवादी पार्टी के पास सिर्फ दो सीटें आईं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जब सपा अपने बच्चों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में भेजती है, तो जब सरकार आम जनता के बच्चों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की बात करती है, तो सपा उर्दू को थोपने की कोशिश करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा देश को कठमुल्लापन की ओर ले जाने का प्रयास कर रही है, जो बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं होगा। साथ ही, सीएम योगी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सदन केवल विद्वानों के लिए नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में भाषाओं के सम्मान पर जोर देते हुए कहा कि हमारी सरकार इन भाषाओं के लिए अलग-अलग अकादमियों का गठन कर रही है, ताकि वे समृद्ध हो सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ये सभी भाषाएं हिंदी की बेटियां हैं और इन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में भाषायी मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह सदन केवल विद्वानों के लिए नहीं है, बल्कि यहां समाज के हर वर्ग की आवाज को जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेली जैसी भाषाओं के विरोध करने वालों को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के विरोधी बताया। साथ ही, सपा को निशाने पर लेते हुए सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी का चरित्र अब दोहरा हो चुका है।
“सपा का स्वभाव: अच्छे कार्य का विरोध करना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ब्रजभाषा की समृद्धि का उदाहरण संत सूरदास की रचनाओं से मिलता है, जो उन्होंने इस भाषा में लिखी थीं। इसके साथ ही संत तुलसीदास ने अवधी में रामचरितमानस की रचना की, जो न केवल उत्तर भारत बल्कि प्रवासी भारतीयों के लिए भी संकट के समय आशा का स्रोत बनी। योगी ने अफसोस व्यक्त किया कि जब इन भाषाओं को सम्मान मिल रहा है, तब कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि सपा का स्वभाव बन चुका है कि वे हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं।